Lucknow/ भारतीय टॉक न्यूज़ (संवाददाता) : भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उत्तर प्रदेश में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 121 पंजीकृत राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त कर दी है । यह फैसला उन दलों पर लिया गया है जो पिछले छह वर्षों से किसी भी चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय नहीं थे। आयोग के इस कदम से इन दलों को मिलने वाले कई महत्वपूर्ण अधिकार और सुविधाएं खत्म हो गई हैं
चुनाव न लड़ना पड़ा महंगा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि जिन दलों की मान्यता रद्द की गई है, उन्होंने साल 2019 से लगातार छह वर्षों तक न तो लोकसभा और न ही विधानसभा का कोई चुनाव लड़ा है . ये दल राज्य के 51 जिलों में पंजीकृत पतों पर मौजूद हैं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के नियमों के अनुसार, यदि कोई पंजीकृत दल लगातार छह साल तक चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसका पंजीकरण समाप्त किया जा सकता है
लखनऊ में पंजीकृत जिन 14 दलों को नोटिस जारी किया गया था।मुरादाबाद जिले में पंजीकृत जिन तीन दलों को नोटिस भेजा गया था, वे इस प्रकार हैं : राष्ट्रीय कांग्रेस (बाबू जगजीवनराम),राष्ट्रीय किसान समाज पार्टी (यूनाइटेड),यूथ सोशलिस्ट पार्टी
छिन गए चुनाव चिन्ह और टैक्स छूट के अधिकार
चुनाव आयोग के 19 सितंबर, 2025 के आदेश के बाद इन 121 दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों को मिलने वाले किसी भी कानूनी और वित्तीय लाभ का अधिकार नहीं रहेगा
चुनाव चिन्ह: इन दलों को अब चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के तहत मिलने वाला चुनावी चिन्ह का लाभ नहीं मिलेगा
टैक्स छूट: आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत इन दलों को मिलने वाली कर छूट जैसी सुविधाएं भी समाप्त कर दी गई हैं
अन्य लाभ: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29बी और 29सी के तहत मिलने वाले अन्य अधिकार भी खत्म हो गए हैं
अपील के लिए 30 दिन का समय
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस फैसले से असहमत कोई भी दल आदेश की तारीख से 30 दिनों के भीतर नई दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष अपील कर सकता है यह राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत अगस्त 2025 से अब तक देशभर में 808 निष्क्रिय दलों को सूची से हटाया जा चुका है