Greater Noida farmer Protest: गौतमबुद्ध नगर में किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर चल रहा यह विरोध अब हिंसा और गिरफ्तारियों की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। बुधवार की देर रात पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर धरना दे रहे सैकड़ों किसानों को गिरफ्तार कर लिया। इससे क्षेत्र में तनाव का माहौल है और किसानों में रोष व्याप्त है।
किसानों की मांगें और विरोध
किसान स्थानीय भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों, मुआवजे की विसंगतियों और अपने अधिकारों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इन गिरफ्तारियों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सख्त संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।
गौतमबुद्धनगर हो, अलीगढ़ हो या संभल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) December 4, 2024
किसानों में आक्रोश
मंगलवार को हुई किसानों की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। किसान नेताओं का कहना है कि प्रशासन किसानों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। कई किसान नेता गिरफ्तारी के बाद भूमिगत हो गए हैं और आंदोलन की नई रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस-प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने आंदोलनकारियों से निपटने के लिए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। प्रमुख स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस घटनाक्रम को लेकर जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कार्रवाई मानते हैं, जबकि अन्य इसे किसानों की मांगों की अनदेखी बताते हैं।
यह पूरा घटनाक्रम
– 29 नवंबर 2024: किसानों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
– 30 नवंबर 2024: किसानों ने नोएडा में विकास प्राधिकरण के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
– 01 दिसंबर 2024: किसानों ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
– 02 दिसंबर 2024: किसानों ने संसद कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका।
– 03 दिसंबर 2024: पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल को घेर कर किसानों का धरना समाप्त करवा दिया।
– 04 दिसंबर 2024: राकेश टिकैत को हिरासत में लिया गया, लेकिन सभी 123 किसानों को बाद में रिहा कर दिया गया।
– 05 दिसंबर 2024: एक बार फिर पुलिस ने छापामारी की और बड़ी संख्या में किसानों को गिरफ्तार कर लिया।
इस घटनाक्रम ने प्रदेश की राजनीति में एक गर्म मुद्दा बना दिया है, और किसान नेताओं ने नए विरोध प्रदर्शनों की घोषणा करने का संकेत दिया है।