Paris Paralympics 2024/ Greater Noida : पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की ओर से 84 एथलीट हिस्सा लेने जा रहे हैं, जिसमें से 5 एथलीट ग्रेटर नोएडा के निवासी हैं। यह गर्व की बात है कि ये एथलीट अपने-अपने खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। इनमें साक्षी कसाना और सुंदर गुर्जर जैसे दिग्गज शामिल हैं, साथ ही सुमित अंतिल, योगेश कथुनिया और प्रणव सूरमा भी इस सूची में हैं।
सुमित अंतिल: भाला फेंक के चैंपियन
सुमित अंतिल, जो हरियाणा के सोनीपत के खेवड़ा गांव में जन्मे हैं, भाला फेंक के मौजूदा चैंपियन और रिकॉर्डधारी हैं। उन्होंने एफ 64 श्रेणी में टोक्यो पैरालंपिक, 2022 एशियाई खेलों और 2023 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं। सुमित को पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का ध्वजवाहक चुना गया है। उन्होंने 2022 एशियाई पैरा खेलों में 73.29 मीटर का थ्रो करके विश्व रिकॉर्ड भी स्थापित किया है। एक सड़क दुर्घटना में अपना बायां पैर खोने के बावजूद, सुमित ने कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों को साकार किया।
साक्षी कसाना: डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक विजेता
उत्तर प्रदेश की साक्षी कसाना ने भी पैरा खेलों में अपनी जगह बनाई है। जन्मजात विकृति के कारण उनके दाहिने पैर में दिक्कत थी, लेकिन उन्होंने इसे अपनी ताकत में बदल दिया। साक्षी ने महिलाओं की डिस्कस थ्रो F55 श्रेणी में पेरिस 2024 के लिए क्वालिफाई किया और 2022 एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
सुंदर गुर्जर: बहु-प्रतिभाशाली एथलीट
सुंदर सिंह गुर्जर ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक में पुरुषों की भाला F46 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा, उन्होंने पंचकूला में 16वीं पैरा एथलेटिक्स राष्ट्रीय चैंपियनशिप में तीन स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। उनकी ये उपलब्धियां भारत के लिए गर्व का विषय हैं।
योगेश कथुनिया: डिस्कस थ्रो में रजत पदक विजेता
योगेश कथुनिया डिस्कस थ्रो में माहिर हैं। उन्होंने 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 स्पर्धा में रजत पदक जीता। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है, और वे पेरिस 2024 में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
प्रणव सूरमा: क्लब थ्रो में स्वर्ण पदक विजेता
प्रणव सूरमा ने 2022 एशियाई पैरा खेलों में पुरुषों की क्लब थ्रो F51 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने इस स्पर्धा में 30.01 मीटर का थ्रो कर एशियाई खेलों का रिकॉर्ड भी बनाया। उनकी यह उपलब्धि उन्हें भारतीय पैरा एथलीटों के बीच एक अलग पहचान दिलाती है।
इन सभी एथलीटों की मेहनत और संघर्ष ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है, और वे पेरिस पैरालंपिक 2024 (Paris Paralympics 2024) में भारत का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं। हम सभी को इनकी सफलता पर गर्व है और हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं!