एक समय में, बिल्डरों को जमीन की कीमत का केवल 10% लेकर जमीन आवंटित की जाती थी। बिल्डर्स पर बकाया चुकाने का कोई दबाव नहीं था। अधिकारियों ने भी उसे नजरअंदाज कर दिया। इस तरह बकाया राशि धीरे-धीरे बढ़ती गई।
Noida News : बिल्डर ने आशियाने का सपना दिखाकर हजारों खरीदारों से करोड़ों रुपये वसूल लिए हैं, लेकिन वे उन्हें दौड़ा रहे हैं और नोएडा प्राधिकरण के बकाये का भुगतान भी नहीं कर रहे हैं। शासन के निर्देश पर नोएडा अथॉरिटी ऐसे नामी बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इन तीन दर्जन बिल्डरों ने अथॉरिटी को 8510 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। अब प्राधिकरण ने इन्हें अंतिम नोटिस जारी करने के साथ घर खरीदारों के पुनर्वास का विवरण मांगा है। अगर ये बिल्डर अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाएंगे, तो उनकी संपत्ति जप्त की जाएगी।बिल्डरों ने आशियाने का सपना दिखाकर हजारों खरीदारों से करोड़ों रुपये वसूल लिए हैं, लेकिन वे नहीं कर रहे हैं। अगर ये बिल्डर अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाएंगे, तो उनकी संपत्ति जप्त की जाएगी।
अथॉरिटी ने एसटीएस, सुपरटेक और लॉजिक्स जैसे रियल एस्टेट डिवेलपर्स को नोटिस भेजा है जिसमें 15 दिनों के भीतर बकाये के भुगतान और खरीदारों के पुर्नवास की पेशकश की गई है। गुरुवार को जारी हुए इस नोटिस में घर खरीदारों को ब्याज और जुर्माने में छूट की पेशकश की गई है। 13 रियल एस्टेट डिवेलपर्स को नोएडा प्राधिकरण ने 8,510.69 करोड़ रुपये से अधिक के बकाये के लिए नोटिस भेजे हैं।
दस प्रतिशत की जमीन आवंटन के बाद:
पहले के समय में, नोएडा अथॉरिटी केवल जमीन की कीमत की 10 प्रतिशत रकम लेकर बिल्डरों को जमीन अलॉट कर देती थी। इस नीति के तहत बिल्डरों को जमीन तो मिल जाती थी, लेकिन बकाया चुकाने का कोई सख्त दबाव नहीं होता था।बिल्डर्स नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी पर हजारों करोड़ रुपये बकाया हैं। उस समय की कानून ने बिल्डरों को जमीन केवल दस प्रतिशत की कीमत देकर दी थी। उसके बाद बिल्डरों को बकाया भी नहीं देना पड़ा। अधिकारी बिल्डरों पर मेहरबान रहते थे। बकाया राशि धीरे-धीरे बढ़ी। बहुत से बिल्डर दिवालिया हो गए, जिससे अथॉरिटी के हजारों करोड़ रुपये बर्बाद हो गए। अधिकारी भी इस मामले में अनेदखी करते थे, जिससे बकाया रकम धीरे-धीरे बढ़ती गई।
बकाया भुगतान करने में दो महीने से जुटी है:
अब, नोएडा अथॉरिटी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और बकाया चुकाने के लिए बिल्डरों पर दबाव बढ़ा दिया है।नोएडा अथॉरिटी ने दो महीने से बकाया वसूलने का अभियान चलाया है। बिल्डरों को नोटिस भेजा गया है। अवैध इमारतों को भी गिरा दिया जा रहा है। यह अभियान 35 से अधिक इमारतों पर “ये अवैध निर्माण” लिखवाया गया है। 15 इमारतों को बंद कर दिया गया है। यानी इन पचास ( 50) इमारतों को अब गिरा दिया जाएगा। उन्हें तोड़ने के लिए बाहरी संस्थाएं काम करेंगी। 13 बिल्डरों को फाइनल नोटिस जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि उन्होंने बकाया राशि नहीं चुकाई, तो उनके प्रोजेक्ट्स पर बुलडोजर चलाया जाएगा।
बकाया चुकाने का दबाव
13 बिल्डरों को फाइनल नोटिस जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि उन्होंने बकाया राशि नहीं चुकाई, तो उनके प्रोजेक्ट्स पर बुलडोजर चलाया जाएगा।उन्हें तोड़ने के लिए बाहरी संस्थाएं काम करेंगी। 13 बिल्डरों को फाइनल नोटिस जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि उन्होंने बकाया राशि नहीं चुकाई, तो उनके प्रोजेक्ट्स पर बुलडोजर चलाया जाएगा
आर्थिक संकट और बिल्डरों की प्रतिक्रिया इस नोटिस के बाद, बिल्डरों में हड़कंप मच गया है। कई बिल्डरों ने अथॉरिटी से समय बढ़ाने की मांग की है, जबकि कुछ ने बकाया राशि चुकाने के लिए बैंक लोन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नोएडा अथॉरिटी का यह कदम न केवल बकाया राशि वसूलने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अन्य बिल्डरों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि वे अपने वित्तीय दायित्वों को समय पर पूरा करें। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला कैसे सुलझता है और क्या बिल्डर समय पर बकाया राशि चुकाने में सफल होते हैं या नहीं। ( 8500 crore dues of Noida Authority: Final notice to 13 builders, bulldozer will be used if payment is not made )