Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: ऑनलाइन गेम की लत और जल्द अमीर बनने की चाहत ने एक युवक को इतना मजबूर कर दिया कि उसने कर्ज चुकाने के लिए अपने ही अपहरण की झूठी साजिश रच डाली। युवक ने खुद को अगवा बताकर अपने ही परिवार से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। नोएडा की थाना फेस-2 पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश करते हुए आरोपी युवक को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। कासगंज निवासी आशाराम के छोटे भाई ने 24 सितंबर, 2025 को थाना फेस-2 में अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि उसका भाई आशाराम 17 सितंबर को नयागांव में अपने जीजा के घर से यह कहकर निकला था कि वह घर जा रहा है, लेकिन वह नहीं पहुंचा। मामले ने गंभीर मोड़ तब लिया जब 21 सितंबर को पीड़ित के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया। मैसेज में आशाराम के हाथ-पैर और मुंह बंधे हुए फोटो थे और उसे छोड़ने के बदले 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी।
पुलिस ने ऐसे किया साजिश का पर्दाफाश
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत एक टीम का गठन किया। पुलिस ने जब फिरौती के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर की जांच शुरू की तो कहानी कुछ और ही निकली। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि जिस युवक का अपहरण हुआ है, वह कोई और नहीं, बल्कि खुद ही यह सब कर रहा है और उसकी लोकेशन हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में है।
थाना फेस-2 पुलिस की एक टीम तुरंत हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हुई और 27 सितंबर को बद्दी गांव से “अपहृत” आशाराम को सकुशल “तलाश” कर गिरफ्तार कर लिया।
कर्ज चुकाने के लिए रची थी पूरी साजिश
पुलिस पूछताछ में आशाराम ने जो खुलासा किया, वह हैरान करने वाला था। उसने बताया कि उसे “कलर ट्रेडिंग बी.डी.जी गेम” नाम के एक ऑनलाइन गेम की लत है। इस गेम में वह अपने दोस्तों से उधार लिए गए 4,70,000 रुपये हार गया था। जब दोस्त पैसे वापस मांगने लगे तो उस पर भारी दबाव बन गया।
कर्ज चुकाने का कोई और रास्ता न देखकर उसने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपने ही अपहरण की योजना बनाई। वह जानता था कि उसके परिवार के पास गांव में 6 बीघा जमीन है। उसने सोचा कि अपहरण की खबर सुनकर उसके घरवाले जमीन बेचकर 20 लाख रुपये का इंतजाम कर देंगे, जिससे वह अपना कर्ज चुका देगा और बाकी पैसों से अपनी जरूरतें पूरी करेगा।
योजना के मुताबिक, वह हिमाचल चला गया, जहां वह पहले भी नौकरी कर चुका था। वहां उसने एक कमरा किराए पर लिया और अपने ही मोबाइल से अपने छोटे भाई को डरावने मैसेज और खुद के बंधक होने की तस्वीरें भेजकर धमकाने लगा। उसके भाई ने डर के मारे उसे यूपीआई के जरिए 5,000 रुपये ट्रांसफर भी कर दिए थे।
पुलिस ने आरोपी आशाराम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसके पास से 5 एटीएम कार्ड व एक आधार कार्ड बरामद किया है। यह घटना ऑनलाइन गेमिंग की लत के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है।