ग्रेटर नोएडा के गांवों में दस तालाबों का होगा जीर्णोद्धार, लगाए जाएंगे 5000 पेड़

Partap Singh Nagar
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ग्रेटर नोएडा के गांवों में दस तालाबों का होगा जीर्णोद्धार, लगाए जाएंगे 5000 पेड़

 

ग्रेटर नोएडा के गांवों में दस तालाबों का होगा जीर्णोद्धार, लगाए जाएंगे 5000 पेड़
ग्रेटर नोएडा के गांवों में दस तालाबों का होगा जीर्णोद्धार, लगाए जाएंगे 5000 पेड़

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के गांवों में जल्द ही 10 तालाबों का जीर्णोद्धार होने जा रहा है। प्राधिकरण ने इसके लिए रोटरी क्लब ऑफ इंडिया को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे दिया है। एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के गांव में स्थित तालाबों का जीर्णोद्धार करने के लिए प्राधिकरण प्रयासरत है।

हरियाली को बढ़ावा देने की योजना

तालाबों के जीर्णोद्धार के साथ ही हरियाली को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक तालाब के आसपास 5000 पेड़ भी लगाए जाएंगे। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए उठाया गया है।

रोटरी क्लब की भागीदारी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के प्रयास से रोटरी क्लब दिल्ली की तरफ से 10 तालाबों को गोद लिए जाने के लिए आवेदन किया गया है। हाल ही में इन दस तालाबों के लिए प्राधिकरण की तरफ से एनओसी जारी कर दी गई है।

जिम्मेदारियों का वितरण

पांच तालाबों का जीर्णोद्धार करने की जिम्मेदारी वर्क सर्किल 2 के प्रबंधक राजेश कुमार को और शेष पांच तालाबों की जिम्मेदारी वर्क सर्कल 8 के वरिष्ठ प्रबंधक नागेंद्र सिंह को दी गई है।

चयनित गांवों की सूची

प्राधिकरण के द्वारा जिन 10 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, उन तालाबों में ग्राम सैनी, भनोता, भोला रावल, धूम मानिकपुर, खेड़ी, गिरधरपुर, कुलीपुरा, रौनी, चिरसी और पंचायतन को चुना गया है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय

रोटरी क्लब की तरफ से बताया गया कि प्रत्येक तालाब के आसपास 5000 पेड़ लगाए जाएंगे और उनका एक साल तक रखरखाव भी किया जाएगा। साथ ही पानी को साफ करने के लिए प्राकृतिक निस्पंदन प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। तालाब के पानी को साफ करने के लिए ओजोन जेनरेटर की स्थापना भी की जाएगी और आसपास का सौंदर्यकरण किया जाएगा।

वैकल्पिक भूखंड पर पेड़ लगाने की योजना

अगर तालाब के आसपास 5000 पेड़ लगाना संभव नहीं हुआ तो प्राधिकरण की तरफ से चिह्नित भूखंड पर यह पेड़ लगाए जाएंगे। इस प्रकार, यह परियोजना न केवल जल संरक्षण बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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