Uttar Pradesh News :गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी में कमी आएगी। यह एक्सप्रेसवे किसी भी प्रदेश में बनने वाला अब तक का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इसका निर्माण कार्य दिसंबर माह तक पूरा होने की उम्मीद है।
मेरठ से प्रयागराज तक का सफर
मेरठ के बिजौली से प्रयागराज के जूडापुर दांदू तक 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इस पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का भी निर्माण किया जा रहा है, जो आपात स्थिति में बोइंग विमान के उतरने के लिए उपयोगी होगी।
518 गांवों से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरने वाला यह एक्सप्रेस-वे 36,230 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन है। लगभग 7453.15 हेक्टेयर भूमि पर बन रहा गंगा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। शुरुआत में इसे 6 लेन का बनाया जा रहा है, जिसे आगे चलकर 8 लेन का किया जाना है। इसके राइट ऑफ वे की चौड़ाई 120 मीटर होगी, जो 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की डिजाइन स्पीड देगी।
मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा एक्सप्रेसवे को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया है और इसका काम 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 36,230 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और यह 12 जिलों से होकर गुजरेगा।
तकनीकी विशेषताएँ
7,453.15 हेक्टेयर भूमि पर बन रहे इस एक्सप्रेसवे को शुरुआत में छह लेन का बनाया जा रहा है, जिसे आगे चलकर आठ लेन का किया जाएगा। इसकी चौड़ाई 120 मीटर होगी, जिससे यातायात की सुविधा में वृद्धि होगी और यात्रा का समय कम होगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि यह प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग निम्नलिखित जिलों को कवर करेगा।
- मेरठ
- हापुड़
- बुलंदशहर
- अमरोहा
- संभल
- बदायूं
- शाहजहांपु
- हरदोई
- उन्नाव
- रायबरेली
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में मदद करेगा, बल्कि राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। दिसंबर माह तक इसके पूरा होने की उम्मीद है, जिससे प्रदेश के लोगों को एक नई और बेहतर यात्रा सुविधा मिलेगी।