Noida News : नोएडा के थाना सैक्टर 63 की पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने फर्जी एसपी और जिला कलेक्टर बनकर लोगों को ठगने का काम किया। डीसीपी सेंट्रल नोएडा, शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार, 20 अगस्त 2024 को एक वादी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 19 अगस्त को उसकी पत्नी के साथ मारपीट की गई थी। इस मामले में बाले यादव नामक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
फर्जी कॉल और पैसे की मांग
21 अगस्त 2024 को सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति ने नारायण वर्मा के नाम से वादी को कॉल किया। उसने खुद को एसपी कार्यालय का साइबर सेल प्रभारी बताते हुए वादी से पैसे की मांग की। वादी से 3000 रुपये की मांग की गई, और पैसे न देने पर गाली-गलौच की गई।
पुलिस की कार्रवाई
डीसीपी ने वायरल ऑडियो क्लिप का संज्ञान लेते हुए एक टीम का गठन किया। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से आरोपी की पहचान की, जो धीरेन्द्र यादव नामक युवक निकला। उसे 22 अगस्त 2024 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से गिरफ्तार किया गया।
आरोपी की पहचान और ठगी का तरीका
गिरफ्तार युवक धीरेन्द्र यादव ने बताया कि वह यूपी कॉप एप का गलत इस्तेमाल कर लोगों से पैसे मांगता था। वह शिकायतकर्ताओं को यह विश्वास दिलाता था कि वह पुलिस से है और उनके मामलों में मदद करेगा। आरोपी ने पिछले एक साल में कई लोगों से पैसे मांगे हैं और उसके गांव में अन्य लोग भी इसी तरह की गतिविधियों में शामिल हैं।
अभियुक्त का आपराधिक इतिहास
धीरेन्द्र यादव 10वीं कक्षा फेल है और उसके खिलाफ पहले से भी कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसके अन्य साथियों और फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले पुष्पेन्द्र यादव के बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया है।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में उ0नि0 रजत शुक्ला, हे0का0 सुबोध कुमार, का0 अंकित कुमार, और का0 अंशुल कुमार शामिल थे।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि समाज में ऐसे ठगों के खिलाफ जागरूकता और सतर्कता कितनी आवश्यक है।