Gautam buddha Nagar ; उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (किन्नरों) के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और गोरखपुर में ‘गरिमा गृह’ का निर्माण करने का निर्णय लिया है। इन गरिमा गृहों में ट्रांसजेंडरों को भोजन, चिकित्सा देखभाल और मनोरंजन जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में कार्य करेगा।
विशेष कार्ड का प्रावधान
यूपी सरकार ने किन्नर समाज के लिए एक विशेष कार्ड जारी करने का भी निर्णय लिया है, जिससे वे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज कल्याण विभाग में अपना पंजीकरण कराना होगा। यह कार्ड उन्हें सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता और सहायता प्रदान करेगा।
पात्रता और पंजीकरण प्रक्रिया
गरिमा गृह में रहने के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। उन्हें 18 वर्ष से अधिक उम्र का होना चाहिए, और उनके पास ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है। इसके अलावा, उन्हें गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करना होगा। पंजीकरण प्रक्रिया आधार कार्ड के माध्यम से की जाएगी, लेकिन अभी तक आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण पंजीकरण में देरी हो रही है।
कौशल विकास और सुरक्षा प्रकोष्ठ
समाज कल्याण विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि गरिमा गृह में रहने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए कौशल विकास और क्षमता निर्माण के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ ही, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों की निगरानी के लिए राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
जागरूकता अभियान
सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को जागरूक करने के लिए एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत उन्हें पंजीकरण प्रक्रिया और सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय को उनके अधिकारों और अवसरों के प्रति जागरूक करने में मदद करेगा
यूपी सरकार का यह कदम ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। गरिमा गृह और विशेष कार्ड के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किन्नर समाज को सम्मान और स्वतंत्रता का जीवन जीने का अवसर मिले। यह पहल न केवल उनके अधिकारों की रक्षा करेगी, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानित स्थान भी प्रदान करेगी