Greater Noida/ Bharatiya Talk News : ग्रेटर नोएडा के बादलपुर में स्थित कुमारी मायावती पॉलिटेक्नीक कॉलेज में छात्रावास की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों ने कॉलेज परिसर में हंगामा किया। उन्होंने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की मांग की, क्योंकि असामाजिक तत्वों के घुस आने से छात्राएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इस घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
असामाजिक तत्वों से छात्राएं भयभीत
कॉलेज के हॉस्टल में रह रही छात्राओं के अभिभावक सोमवार को यहां पहुंचे और सुरक्षा का मुद्दा उठाया। अभिभावकों का आरोप है कि उनकी बच्चियों ने शिकायत की है कि पिछले कई दिनों से असामाजिक तत्व और गुंडे कॉलेज के छात्रावास में जबरन घुस रहे हैं और गाली-गलौट व गुंडागर्दी कर रहे हैं।और ड्रोन और टॉर्च वाली लाइट देखी है इससे छात्राएं बुरी तरह भयभीत हैं।
भयभीत छात्राओं की शिकायतें
छात्राओं ने बताया कि उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कॉलेज परिसर में चौकीदार की अनुपस्थिति और सुरक्षा सुविधाओं की कमी ने उनकी स्थिति को और अधिक चिंताजनक बना दिया है। छात्राओं ने प्रधानाचार्य से कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
अभिभावक आकाश ने मौके पर बताया कि उनकी बहन कॉलेज में पढ़ती है और इसी के परिसर में बने छात्रावास में रहती है। उसने फोन पर शिकायत की कि पहले दिन चार-पांच गुंडे छात्रावास में घुस आए और छात्राओं के बारे में जानकारी करने लगे। इस बारे में जब कॉलेज प्रिंसीपल से बातचीत की गई तो उनका रवैया बेहद टालमटोल वाला रहा। प्रिंसीपल से शिकायत के अगले दिन भी 15-20 लोग छात्रावास में घुस आए। छात्राओं ने प्रधानाचार्य से कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
प्रशासन का दावा: छात्राएं पूरी तरह सुरक्षित
इन घटनाओं के बाद छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावक सोमवार को कॉलेज पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इस सूचना पर दादरी के एसडीएम, ग्रेटर नोएडा के सहायक पुलिस आयुक्त (डीएसपी) स्तर के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंच गई। उन्होंने अभिभावकों को छात्राओं की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया और कहा कि कॉलेज परिसर में छात्राएं पूरी तरह सुरक्षित हैं।
छात्राओं ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो वे मुख्यमंत्री के पास शिकायत करने के लिए मजबूर होंगी। उनका मानना है कि यह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का सवाल नहीं, बल्कि सभी लड़कियों की सुरक्षा का प्रश्न है।