Prayagraj Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन शुरू हो चुका है, जहाँ करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान के लिए एकत्रित हो रहे हैं। इस पवित्र अवसर पर, स्नान के बाद कुछ विशेष कार्यों को करने का विधान है, जिनसे पुण्य की प्राप्ति होती है। यहाँ हम ऐसे ही दो महत्वपूर्ण कार्यों की चर्चा करेंगे:

1. प्राचीन मंदिरों के दर्शन:
कुंभ में स्नान के बाद, किसी प्राचीन मंदिर के दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान जी, नागवासुकी मंदिर, या अन्य किसी भी प्राचीन और धार्मिक मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं। इन मंदिरों में दर्शन करने के साथ-साथ वहाँ का प्रसाद ग्रहण करना भी आवश्यक है। मान्यता है कि कुंभ में डुबकी लगाने के बाद मंदिरों के दर्शन करने से ही यात्रा पूर्ण मानी जाती है। ऐसा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2. दान का महत्व:
सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व है। कुंभ में स्नान के बाद दान करना एक पुण्य कार्य माना जाता है। यदि संभव हो, तो जरूरतमंदों को अन्नदान करना अत्यंत फलदायी होता है। महाकुंभ स्नान के बाद दान करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि पितृ भी प्रसन्न होते हैं। धर्म स्थलों पर किया गया दान व्यक्ति को पापों से मुक्त करता है, जीवन को सही दिशा देता है, और कुंडली के कई ग्रह दोषों को भी दूर करता है।
Mahakumbh 2025 Shahi Snan: स्नान का समय और व्यवस्था:
श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त से त्रिवेणी के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। सुरक्षा के लिए घाटों पर जल पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है, साथ ही डीप वाटर बैरिकेडिंग भी की गई है। गंगा और यमुना के तट पर 12 किलोमीटर में स्नान घाट बनाए गए हैं। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व से ही महाकुंभ में पवित्र कल्पवास की शुरुआत होगी, और 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सभी 13 अखाड़ों के संत स्नान करेंगे।
इस प्रकार, महाकुंभ में स्नान के साथ-साथ इन दो कार्यों का पालन करने से श्रद्धालु आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।