Greater Noida News : उत्तर प्रदेश STF ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो विदेशी चीनी नागरिकों को भारत में ठगी करने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराता था। इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान नवरत्न सिंह खुराल, तनवीर अली और शाकिब शेख के रूप में हुई है। ये गिरोह न सिर्फ बैंक खाते उपलब्ध कराता था, बल्कि लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके करोड़ों रुपये की ठगी भी करता था।
सूचना और गिरफ्तारी का तरीका:
STF को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ अपराधी चीनी नागरिकों को धोखाधड़ी के उद्देश्य से भारतीय लोगों के बैंक खाते उपलब्ध करा रहे हैं। बुधवार को मुखबिर से सूचना मिलने पर STF ने गौतमबुद्धनगर के घंटा गोल चक्कर के पास जाल बिछाकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
गिरोह का सरगना और उसका तरीका:
गिरफ्तार आरोपी नवरत्न सिंह खुराल एक बीटेक इंजीनियर है। उसने पूछताछ में बताया कि वह फेसबुक पर USDT संबंधित विज्ञापन देखकर चीनी नागरिकों के संपर्क में आया। टेलीग्राम ऐप के माध्यम से उसकी मुलाकात डीकेके, मैगी, हू जियांग और केटीएम नामक चीनी व्यक्तियों से हुई। इन चीनी नागरिकों ने उसे भारतीय नागरिकों से अवैध रूप से धन प्राप्त करने का तरीका बताया, जिसके बाद से वह इस ठगी में शामिल हो गया।
नेपाल से संचालित हो रही थी ठगी:
खुलासे में यह भी पता चला कि चीनी नागरिक नेपाल में रहकर इन अवैध गतिविधियों को संचालित कर रहे थे। नवरत्न सिंह खुराल का एक दोस्त सिद्धार्थ लखनऊ में रहता है, जिसके माध्यम से उसकी मुलाकात तनवीर से हुई थी। शाकिब की मुलाकात भी टेलीग्राम पर एक चीनी नागरिक के जरिए नवरत्न सिंह खुराल से कराई गई थी।
बैंक खातों की भूमिका और हवाला का इस्तेमाल:
ठगी के इस खेल में चीनी नागरिकों को भारतीय नागरिकों के बैंक खातों की आवश्यकता होती थी, जिनमें धोखाधड़ी से प्राप्त धन को ट्रांसफर किया जाता था। ये गिरोह अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के नियमों से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से हवाला का इस्तेमाल करता था, जिससे वे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बच सकें। नवरत्न सिंह खुराल को तनवीर और शाकिब भारतीय नागरिकों के बैंक खाते और उनकी जानकारी उपलब्ध कराते थे, जिसे वह चीनी नागरिकों को भेज देता था। इस काम के लिए उन्हें चीनी नागरिकों से अच्छा कमीशन मिलता था।
व्यापक नेटवर्क और करोड़ों की ठगी:
पूछताछ में यह भी सामने आया कि इस गिरोह का नेटवर्क जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में फैला हुआ है। ये विभिन्न स्रोतों से भारी संख्या में ‘डंप अकाउंट’ प्राप्त करके उन्हें सीमापार बैठे चीनी नागरिकों को बेचते थे। नवरत्न सिंह खुराल ने यह भी कबूल किया कि उसने सितंबर 2024 में गुरुग्राम, हरियाणा में एक महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके लगभग 6 करोड़ रुपये की ठगी की थी।
बरामदगी:
गिरफ्तार आरोपियों से एक लैपटॉप, 8 मोबाइल, एक पासपोर्ट, 5 आधार कार्ड, 4 मोबाइल सिम कार्ड, 5 चेकबुक, 22 डेबिट-क्रेडिट कार्ड और कुछ नेपाली करेंसी बरामद की गई है।