ग्रेटर नोएडा मास्टर प्लान 2041: ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के साथ प्रस्तावित ऑर्बिटल रेल, नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी ,

Greater Noida Master Plan 2041: Proposed orbital rail along the Eastern Peripheral Expressway, Noida International Airport will get direct connectivity

Bharatiya Talk
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ग्रेटर नोएडा मास्टर प्लान 2041: ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के साथ प्रस्तावित ऑर्बिटल रेल, नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी ,

Greater Noida Master Plan 2041 News: ग्रेटर नोएडा मास्टर प्लान 2041 के तहत एक महत्वाकांक्षी ऑर्बिटल रेल (Orbital Rail) परियोजना प्रस्तावित की गई है। यह परियोजना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी और यूपी व हरियाणा के बीच यातायात को सुगम बनाएगी। इस रेल लाइन की कुल लंबाई 135 किलोमीटर होगी, जिसमें से 87 किलोमीटर उत्तर प्रदेश (यूपी) में बिछाई जाएगी। यह रेल लाइन पलवल से बागपत तक ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ेगी और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) को कनेक्टिविटी बूस्ट प्रदान करेगी।

 ग्रेटर नोएडा मास्टर प्लान 2041: ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के साथ प्रस्तावित ऑर्बिटल रेल, नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी ,
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ऑर्बिटल रेल का महत्व – कनेक्टिविटी में सुधार

यह ऑर्बिटल रेल लाइन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे ( Eastern Peripheral Expressway ) के समानांतर चलेगी और यूपी व हरियाणा को जोड़ेगी। यह परियोजना ग्रेटर नोएडा, दादरी, बागपत, मेरठ और जेवर एयरपोर्ट को सीधे जोड़ेगी, जिससे यात्रा समय में काफी कमी आएगी।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बढ़ावा

ऑर्बिटल रेल लाइन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) को सीधे जोड़ेगी, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई की सुविधा में सुधार होगा। यह एयरपोर्ट अप्रैल 2025 तक चालू होने की उम्मीद है, और इस रेल लाइन के माध्यम से एयरपोर्ट तक पहुंच आसान हो जाएगी।

यातायात और प्रदूषण में कमी

यह परियोजना दिल्ली के यातायात और प्रदूषण को कम करने में भी मददगार साबित होगी। ऑर्बिटल रेल लाइन के चालू होने से दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यातायात का दबाव कम होगा और वाहनों की संख्या में भी कमी आएगी।

ऑर्बिटल रेल की विशेषताएं – गति और दूरी

ऑर्बिटल रेल लाइन पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी, जिससे 135 किलोमीटर की यात्रा मात्र एक घंटे में पूरी की जा सकेगी।

मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब से जुड़ाव

यह रेल लाइन मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और ट्रांसपोर्ट हब से जुड़ेगी, जिससे पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ एकीकरण होगा। इससे माल ढुलाई की दक्षता में सुधार होगा और क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ऑर्बिटल रेल

हरियाणा में पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (  Peripheral Expressway )के साथ ऑर्बिटल रेल का निर्माण पहले से ही चल रहा है। यह परियोजना एनसीआर के यातायात नेटवर्क को और मजबूत करेगी और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

ग्रेटर नोएडा मास्टर प्लान 2041 के तहत प्रस्तावित ऑर्बिटल रेल परियोजना एनसीआर के यातायात और आर्थिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी। यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि माल ढुलाई और औद्योगिक विकास को भी गति प्रदान करेगी। इसके साथ ही, यह परियोजना दिल्ली के यातायात और प्रदूषण को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

 

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