Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: 25 फरवरी 2025 को मेरठ के मुंडाली थाना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) नोएडा यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस मुठभेड़ में कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक लाख रुपये का इनामी बदमाश जीतू उर्फ जितेंद्र मारा गया। यह बदमाश लंबे समय से फरार था और कई गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित था। पुलिस ने उसके कब्जे से हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। यह घटना अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सख्ती को दर्शाती है।
मुठभेड़ की पूरी कहानी
मंगलवार देर रात और बुधवार की सुबह के बीच मेरठ के मुंडाली थाना क्षेत्र में STF नोएडा यूनिट को मुखबिर से सूचना मिली कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक सक्रिय सदस्य जीतू मेरठ में छिपा हुआ है। सूचना के आधार पर STF की टीम ने इलाके की घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस ने बदमाश को पकड़ने की कोशिश की, उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में STF ने गोली चलाई, जिसमें जीतू गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मौके से हथियार और अन्य सामान बरामद किए।
कौन था जीतू उर्फ जितेंद्र?
जीतू उर्फ जितेंद्र हरियाणा के झज्जर जिले के आसौंदा गांव का रहने वाला था। वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक सक्रिय सदस्य था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसका आपराधिक इतिहास लंबा रहा है। जेल में रहते हुए वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया था। इसके बाद उसने गैंग के लिए कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया। फरारी के दौरान वह लगातार गैंग के साथ जुड़ा रहा और संगठित अपराध में शामिल रहा।
डबल मर्डर से शुरू हुआ अपराध का सफर
STF नोएडा यूनिट के अधिकारी राजकुमार मिश्रा के अनुसार, जीतू ने अपने आपराधिक जीवन की शुरुआत 2016 में हरियाणा के झज्जर में डबल मर्डर की घटना से की थी। इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 2023 में पैरोल पर रिहा होने के बाद उसने पैरोल की शर्तों का उल्लंघन किया और फरार हो गया। फरारी के दौरान उसने अपराध का सिलसिला जारी रखा। इसी दौरान उसने 2023 में गाजियाबाद के टीला मोड़ क्षेत्र में सुपारी लेकर एक व्यक्ति की हत्या की थी, जिसके बाद उसकी तलाश तेज हो गई थी।
गाजियाबाद हत्याकांड और गैंग से जुड़ाव
2023 में जीतू ने गाजियाबाद के टीला मोड़ इलाके में एक सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम दिया था। यह हत्या सुपारी के तहत की गई थी, जिसमें उसने एक व्यक्ति को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद पुलिस ने उस पर इनाम घोषित किया था। जेल में रहते हुए लॉरेंस बिश्नोई गैंग से उसका संपर्क गहरा हुआ और पैरोल जम्प करने के बाद वह गैंग का भरोसेमंद सदस्य बन गया। गैंग के लिए उसने कई संगठित अपराधों को अंजाम दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी।
पुलिस की सफलता और बरामदगी
STF नोएडा यूनिट की इस कार्रवाई को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने जीतू के कब्जे से एक पिस्तौल, कारतूस और अन्य सामग्री बरामद की है। इस ऑपरेशन ने न केवल एक खूंखार अपराधी को खत्म किया, बल्कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमर तोड़ने में भी मदद की। STF के अपर अधीक्षक ने बताया कि जीतू के खिलाफ हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई मामले दर्ज थे। उसकी मौत से अपराध की दुनिया में बड़ा झटका लगा है।
अपराध पर लगाम की दिशा में कदम
इस मुठभेड़ ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूत किया है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग जैसे संगठित अपराध समूहों के खिलाफ लगातार कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। जीतू की मौत से पुलिस को गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचने में भी मदद मिल सकती है। यह घटना मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।