Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़ : भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती पखवाड़े के उपलक्ष्य में जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन, गौतमबुद्धनगर द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने भाग लिया और बाबा साहब को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह रहीं, जबकि अध्यक्षता अपर जिला जज एवं जिला जज प्रभारी सोमप्रभा मिश्रा ने की। इस अवसर पर समस्त न्यायाधिकारी भी उपस्थित थे।
संविधान प्रदत्त व्यवस्थाओं का सदुपयोग आवश्यक:
सोमप्रभा मिश्राकार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं अपर जिला जज सोमप्रभा मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब द्वारा निर्मित संविधान ने हमें अनेक संसाधन और व्यवस्थाएं प्रदान की हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम इन व्यवस्थाओं का सही ढंग से उपयोग करें। उन्होंने चेताया कि यदि हम आज भी पुरानी कुंठाओं और नकारात्मकता में जीते रहेंगे, तो प्रगति के मार्ग पर पिछड़ जाएंगे।
नकारात्मकता त्याग, मजबूत इच्छाशक्ति अपनाएं युवा:
लक्ष्मी सिंहमुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यदि हमें उनके सिद्धांतों पर चलकर आने वाली पीढ़ियों को सशक्त बनाना है और वर्ष 2050 तक उन्हें विश्व पटल पर बराबरी का स्थान दिलाना है, तो हमें उन्हें नकारात्मकता (कुंठाओं) का दर्शन कराना बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी के पास जानकारी प्राप्त करने के अनेक साधन हैं; वे हमारी सुनने के बजाय गूगल और एआई से भारत की सुविधाओं के बारे में पूछ सकते हैं। इसलिए, हमें अपने बच्चों में बाबा साहब जैसी मजबूत इच्छाशक्ति विकसित करनी चाहिए, जो नकारात्मकता, शंकाओं और चिंताओं से परे हो।
शिक्षित भारत की एकजुटता से विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त
पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा कि बाबा साहब के आदर्शों पर चलने में किसी भी प्रकार की हिचक नहीं होनी चाहिए। समाज को सर्वांगीण विकास की मुख्य धारा से जोड़ना और उसे आगे बढ़ाना प्रत्येक शिक्षित नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि शिक्षित भारत एक दिशा में, एकजुट होकर आगे बढ़ता है, तो उसे ‘विश्व गुरु’ बनने से कोई नहीं रोक सकता।
अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति सजगता जरूरी:
प्रमेंद्र भाटी जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विचार गोष्ठी के संयोजक प्रमेंद्र भाटी ने कहा कि बाबा साहब ने संविधान में जहां नागरिकों को मौलिक अधिकार दिए हैं, वहीं मौलिक कर्तव्यों का भी स्पष्ट उल्लेख किया है। उनका मानना था कि यदि व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रति सजग होने के साथ-साथ, उससे कहीं अधिक अपने मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो जाए, तो देश के प्रत्येक नागरिक की समस्याओं का समाधान न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के माध्यम से सहजता से हो सकता है।
सचिव अजीत नागर जी ने बताया डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर भारतीय संविधान के शिल्पकार, समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, और एक महान नेता थे।
प्रमुख उपस्थिति
इस विचार गोष्ठी में पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र भाटी, रामशरण नागर, राजेंद्र नागर, राजीव तौंगड, पूर्व सचिव अजित भाटी, वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश रामनेर, राकेश गौतम, बलबीर सुमन, सूरजपाल, जयप्रकाश बुद्धप्रिय, सोरन वर्मा, सुंदर भाटी, रेशराम चौधरी, प्रमोद शर्मा, नीरज भाटी, श्याम सिंह भाटी, कपिल शर्मा, विशाल नागर, अरुण नागर, रामकुमार चौधरी, आदेश बंसल, नीरज सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।