Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। जौनचाना, फाजिलपुर और भीकनपुर गांव के किसानों ने अपनी जमीनों को प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित किए जाने की नीति पर सहमति व्यक्त की है। बुधवार को इन तीनों गांवों के प्रतिनिधियों का एक मंडल यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह से मिला और उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
किसानों को मिलेगा मुआवजा और विकसित क्षेत्र में प्लॉट
प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ को बताया कि प्राधिकरण की मौजूदा नीति के अनुसार, किसानों को उनकी अधिग्रहित जमीन के बदले में उचित मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें विकसित किए जा रहे सेक्टर में 7 प्रतिशत का प्लॉट भी दिया जाएगा। किसानों ने इस नीति पर अपनी पूर्ण सहमति जताई है, जिससे क्षेत्र में विकास की नई उम्मीदें जाग गई हैं। किसानों की सहमति मिलने पर सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया और उनके सहयोग को विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
अधिग्रहण प्रक्रिया में किसानों ने दिया सहयोग का आश्वासन
वर्तमान में जेवर तहसील के अंतर्गत आने वाले जौनचाना, फाजिलपुर और भीकनपुर गांवों की जमीनों को अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत शामिल किया जाना है। इन गांवों के निवासियों ने जमीन अधिग्रहण की नीति पर प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। किसानों ने विकास कार्यों में यमुना प्राधिकरण को हर संभव सहयोग देने का वादा किया है।
प्रतिनिधियों के माध्यम से पूरी होगी दस्तावेजी प्रक्रिया
ज्ञापन में ग्रामीणों ने यह भी अवगत कराया कि संसाधनों की कमी के कारण सभी ग्रामवासी व्यक्तिगत रूप से प्राधिकरण आने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए, ग्राम पंचायत की ओर से पंकज त्यागी और नरेश त्यागी उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि जमीन अधिग्रहण से संबंधित आवश्यक दस्तावेजों की प्रक्रिया निर्धारित समय के भीतर सुचारू रूप से पूरी हो सके।
किसानों ने की सुगम प्रक्रिया की मांग
ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से यह मांग भी रखी कि भूमि अधिग्रहण नीति के तहत यमुना प्राधिकरण में जो भी संबंधित विभाग हैं, उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि गांवों के लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें अधिग्रहण प्रक्रिया में बिना किसी बाधा के पूरा सहयोग मिल सके। किसानों के इस सकारात्मक रुख से यमुना प्राधिकरण के विकास कार्यों को निश्चित रूप से गति मिलेगी।