Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में बसपा शासनकाल के दौरान, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा एक महत्वपूर्ण परियोजना प्रस्तावित की गई थी – ग्रेटर नोएडा वेस्ट सैनी गांव के पास 130 मीटर की सड़क को ईस्टर्न पेरिफेरल रोड से जोड़ने वाली एक सड़क या राजमार्ग का निर्माण। इस योजना में रेलवे लाइन पर पुल बनाना और जीटी रोड के किनारे विभिन्न गांवों को जोड़ना भी शामिल था।
समर्पित सड़क का निर्माण अधूरा है
नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले 130 मीटर के एक्सप्रेसवे के लिए बादलपुर से सड़क का निर्माण किया जाना था। इस सड़क का निर्माण कार्य मायावती के कार्यकाल में शुरू किया गया था। कुर्सी के सत्ता छोड़ने के बाद सड़क का निर्माण अधूरा है। इस सड़क को बादलपुर से 130 मीटर के एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाना था। वर्तमान में यह सड़क बादलपुर से केवल अछेजा गांव तक ही सीमित है। यह सड़क वर्षों से निर्माण का इंतजार कर रही है। हालांकि, यूपी में सत्ता में आई अखिलेश सरकार ने कई परियोजनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पुराने सीईओ (CEO)रहने के दौरान:
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के डीसीईओ पीसी गुप्ता के अनुसार, प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन को तेजी से विकसित करना चाहता है। उन्होंने कहा कि विस्तार क्षेत्र में आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी। गुप्ता ने कहा कि लोगों को ग्रेटर नोएडा से एक्सटेंशन क्षेत्र तक आवाजाही में किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना चाहिए।पहला लिंक रोड ग्रेटर नोएडा 130 एक्सप्रेसवे को छूएगा, जो सेनी, मारीपत, अछेजा, जीटी रोड, बादलपुर से होकर गुजरेगा और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से मिलेगा। यह सड़क 14 किलोमीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी होगी। इसका लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। मारीपत रेलवे स्टेशन के पास ओवरब्रिज और जीटी रोड पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा।
जानिए क्यों है यह सड़क इतनी महत्वपूर्ण
दादरी से ग्रेटर नोएडा सैनी वाया बादलपुर से कलदा ईस्टर्न पेरिफेरल रोड 15 साल तक 60 मीटर लिंक रोड का निर्माण कार्य यह वर्षों से अधूरा है, बादलपुर के आस पास के दो दर्जन से ज़्यादा गाँवों लोगों का निकास हर रोज़ इस रास्ते से ग्रेटरनोएडा वेस्ट या नोएडा जाना होता , ऑफिस के लिए जाना , काम धंधे के लिए जाना हो या अच्छे हॉस्पिटल में इलाज लिए जाना हो या अपने निजी काम के लिये जाना हो , बच्चों को स्कूल जाना हो या इसी संपर्क मार्ग से जाना पड़ता है घंटों फाटक पर खड़े रहकर समस्या से जूझना पड़ता है ।
कही बार यहाँ पर बहुत बड़ी बड़ी दुर्घटनाएँ भी हुई हैं लेकिन ऑथरोटीज़ कीं तरफ़ से कभी कोई संज्ञान नहीं लिया गया है दुर्दशा और बदतर होती जा रही है ।ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जीटी रोड से 15 वर्ष की दूरी पर ग्राम कलदा का मुख्य मार्ग, 2008 से इस समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है। ग्रामवाशियों भी आश लगाए बैठे हैं और विकास की राह सड़क और उम्मीद अटकी हुई है। ये समस्या को जल्द हल करने की मांग ग्रामवाशियों द्वारा गौतमबुद्धनगर के ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से की गई है। आख़िर कब तक होगा इस समस्या का समाधान और गांवों में विकास कब तक तेज़ी आएगी , अब देखने की बारी है।
जन आंदोलन सामाजिक संगठन के संस्थापक- अध्यक्ष ओमवीर आर्य जीं ने बिगुल बजा दिया है
दादरी से ग्रेटर नोएडा सैनी वाया बादलपुर से कलदा ईस्टर्न पेरिफेरल रोड 16 साल तक 60 मीटर लिंक रोड का निर्माण कार्य यह वर्षों से अधूरा है, जिसके कारण दादरी ग्रामीण क्षेत्र में गुस्से की लहर चल रही है। इस महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण में देरी के कारण स्थानीय निवासियों का गुस्सा अब एक जन आंदोलन की आग में बदल रहा है। जन आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमवीर सिंह आर्य अधिवक्ता के नेतृत्व में स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर जुट गए हैं। वे कहते हैं कि यह मार्ग दादरी और ग्रेटर नोएडा पश्चिम क्षेत्र के लाखों निवासियों को जोड़ता है, लेकिन यह काम 16 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है। क्षेत्र के निवासी अब उनका धैर्य कम हो रहा है और वे इस मुद्दे पर आंदोलन करने लगे हैं। ओमवीर सिंह आर्य ने बताया, “हमने इस लिंक रोड के निर्माण के लिए कई बार अधिकारियों और संबंधित विभागों से अनुरोध किया है, लेकिन हर बार हमें केवल आश्वासन मिला है, लेकिन कोई काम नहीं हुआ है। अब हम इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर जन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस मार्ग के निर्माण में देरी से क्षेत्र के विकास में बाधा आ रही है और लोगों को दैनिक आधार पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जन आंदोलन सामाजिक संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष ओमवीर आर्य अधिवक्ता के नेतृत्व में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा पिछले 16 वर्षों से बन रही 60 मीटर सड़क के लिए प्रभावित गांवों सैनी, सुनपुरा सोहनपुर, सादुल्लापुर, भानौता, अछेजा, बादलपुर, महावड, बंबावड गांवों को प्रस्तावित किया गया है। 130 मीटर सड़क को पूर्वी परिधीय एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली 60 मीटर सड़क का यह एक्सप्रेस राजमार्ग जमीन पर मरता हुआ प्रतीत होता है। इसका संज्ञान लेते हुए क्षेत्र का एक बड़ा संगठन जन आंदोलन सामाजिक संगठन पिछले महीने से इसके लिए जोरदार अभियान चला रहा है। और ऐसे अभियान में जमीनी स्तर पर भी जनता का पूरा समर्थन और विश्वास बढ़ रहा है।