Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: नोएडा के सेक्टर 56 स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल एक बार फिर विवादों में है। स्कूल के शिक्षकों ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी सैलरी का 20 प्रतिशत हिस्सा हर महीने नकद में वापस ले लिया जाता था। इस कथित वसूली के खिलाफ आवाज उठाने वाले कई शिक्षकों को अब नौकरी से निकाल दिया गया है, जिसके बाद उन्होंने स्कूल के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यह घटना स्कूलों में होने वाली वित्तीय अनियमितताओं और शिक्षकों के शोषण की एक और बानगी पेश करती है।
“स्कूल बचाने” के नाम पर करोड़ों के लोन का हवाला
पीड़ित शिक्षकों के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने उनसे यह कहकर पैसे ऐंठे कि स्कूल पर करोड़ों रुपये का कर्ज है और इसे बचाने के लिए सभी को ‘सहयोग’ करना होगा। इसी दलील के आधार पर पिछले कई वर्षों से शिक्षकों के वेतन से 20 प्रतिशत की यह कटौती की जा रही थी। शिक्षकों का यह भी आरोप है कि यह पैसा कथित तौर पर ‘प्राधिकरण’ के नाम पर वसूला जाता था, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ जाती है।
पूर्व जांच में पुष्टि, अब विरोध पर बर्खास्तगी
शिक्षकों ने बताया कि इस मामले की शिकायत पहले भी प्रशासन और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है, जिसमें आरोपों की सच्चाई सामने आई थी। जांच में यह भी उजागर हुआ था कि शिक्षकों से लगभग 90 लाख रुपये की वसूली की गई थी, जिसमें से कुछ राशि अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद वापस भी कराई गई थी। लेकिन, जब शिक्षकों ने इस मनमानी का पुरजोर विरोध जारी रखा, तो स्कूल प्रबंधन ने उन्हें कथित तौर पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
प्रदर्शनकारी शिक्षकों की प्रमुख मांग
स्कूल के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी शिक्षकों की अब मुख्य मांग यह है कि इस ‘काले कारनामे’ में शामिल स्कूल प्रबंधन के जिम्मेदार व्यक्तियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। वे अपने साथ हुए अन्याय के लिए न्याय और अपने अधिकारों की बहाली चाहते हैं।