Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक डॉक्टर की गंभीर लापरवाही सामने आई है, जिसमें एक महिला की पित्ताशय (गॉलब्लेडर) की सर्जरी के दौरान पथरी शरीर में ही छोड़ दी गईऔर गॉलब्लेडर का हिस्सा अधूरा निकाला गया। मरीज को लगातार तेज दर्द होने के बावजूद डॉक्टरों ने बताया कि “सब ठीक है,” लेकिन बाद में दूसरे डॉक्टर ने जांच में गंभीर गलती का खुलासा किया।
क्या हुआ था पूरा मामला?
– 30 मई को धीरेंद्र भाटी (बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव) की पत्नी को पेट में तेज दर्द हुआ। अल्ट्रासाउंड में पित्ताशय में दो पथरी की पुष्टि हुई।
– 31 मई को ओमेगा-1 स्थित एक निजी अस्पताल में सर्जरी हुई, लेकिन एक पथरी निकाली नहीं गई और गॉलब्लेडर का हिस्सा भी अधूरा छोड़ दिया गया।
– ऑपरेशन के बाद मरीज को पेट और कंधे में असहनीय दर्द होने लगा, लेकिन डॉक्टरों ने केवल दर्दनिवारक दवाएं देकर 2 जून को डिस्चार्ज कर दिया।
– रात में दर्द बढ़ने पर अस्पताल से संपर्क किया गया, लेकिन कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई।
– दूसरे डॉक्टर ने एमआरसीपी और सीटी स्कैन देखकर पाया कि एक पथरी अभी भी पित्ताशय की नली में फंसी है और पेट में फ्लुएड जमा हो गया है।
– दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि अगर थोड़ी भी देर होती, तो मरीज की जान जा सकती थी।
अस्पताल और डॉक्टरों का बचाव?
जब इस गलती के बारे में पूछा गया, तो अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों ने कहा – “भूलवश ऐसा हो गया।”हालांकि, यह कोई छोटी-मोटी गलती नहीं थी, बल्कि मेडिकल नेग्लिजेंस (चिकित्सकीय लापरवाही) का गंभीर मामला है, जिससे मरीज की जान को खतरा पैदा हो गया था।
पुलिस में शिकायत दर्ज, स्वास्थ्य विभाग जांच करेगा
धीरेंद्र भाटी ने इस मामले में पुलिस में शिकायत की है। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि यह मेडिकल लापरवाही का मामला है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग को जांच के लिए पत्र भेजा जाएगा।
क्या कहता है कानून?
भारत में मेडिकल नेग्लिजेंस के मामलों में डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304A के तहत लापरवाही से किसी की मौत होने पर सजा का प्रावधान है। हालांकि, इस मामले में मरीज की जान बच गई, लेकिन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) और स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद डॉक्टर का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।
कैसे बचें ऐसी लापरवाही से?
– दूसरी राय (Second Opinion) लेना जरूरी – अगर सर्जरी के बाद लगातार दर्द हो, तो किसी अन्य विशेषज्ञ से सलाह लें।
– मेडिकल रिपोर्ट्स की जांच करवाएं– कई बार डॉक्टर गलत रिपोर्ट दे देते हैं, इसलिए दूसरे अस्पताल में टेस्ट करवाना चाहिए।
– कानूनी कार्रवाई करें – अगर मेडिकल नेग्लिजेंस का शक हो, तो तुरंत पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।