डिजिटल अरेस्ट: नोएडा में 3.29 करोड़ की महाठगी, सुप्रीम कोर्ट की वकील और बुजुर्ग महिला को बनाया निशाना

Digital arrest: Big fraud of Rs 3.29 crore in Noida, Supreme Court lawyer and elderly woman targeted

Partap Singh Nagar
4 Min Read
डिजिटल अरेस्ट: नोएडा में 3.29 करोड़ की महाठगी, सुप्रीम कोर्ट की वकील और बुजुर्ग महिला को बनाया निशाना

Noida News/ BT News : डिजिटल दुनिया के बढ़ते खतरों के बीच, साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया और खौफनाक तरीका ‘डिजिटल अरेस्ट’ ईजाद कर लिया है। नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने एक ऐसे ही बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने सुप्रीम कोर्ट की एक वरिष्ठ वकील और एक 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला को निशाना बनाकर 3.29 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम ठग ली। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिल्ली और हरियाणा से तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’ और कैसे बनाया शिकार?

साइबर अपराधियों ने इस अपराध को अंजाम देने के लिए एक योजनाबद्ध तरीका अपनाया। उन्होंने पीड़िता के लैंडलाइन नंबर पर एक अनजान नंबर से कॉल किया। फोन पर, अपराधियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए दावा किया कि पीड़िता के आधार कार्ड का गंभीर रूप से दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने पीड़िता को डराते हुए कहा कि उनके नाम पर खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, जुआ और यहाँ तक कि अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त जैसे संगीन अपराधों में किया जा रहा है। इस झूठी कहानी से पीड़िता को अत्यधिक डराकर, अपराधियों ने उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया। इसका मतलब था कि पीड़िता को किसी से भी संपर्क करने से मना कर दिया गया और उन्हें लगातार ऑनलाइन निगरानी में रखा गया, ताकि वे पुलिस या किसी और से मदद न मांग सकें। इसी दबाव और डर का फायदा उठाकर अपराधियों ने उनसे अलग-अलग किस्तों में कुल 3 करोड़ 29 लाख 70 हजार रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए, पीड़िता ने 30 जून, 2025 को साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। एडीसीपी साइबर क्राइम, मनीषा सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस ने अपनी तकनीकी और खुफिया जानकारी का उपयोग करते हुए इस गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों को दबोच लिया। इनमें से दो आरोपी, दुपिंदर सिंह और विनय समानिया, दिल्ली के रहने वाले हैं, जबकि तीसरा आरोपी, मंदीप सिंह, हरियाणा के भिवानी का निवासी है। पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान अपराधियों से जुड़े बैंक खातों में जमा 17 लाख रुपये भी फ्रीज कर दिए हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण:

दुपिंदर सिंह उर्फ गिन्नी: निवासी ललिता पार्क, दिल्ली। इसने अपने खाते में ठगी के 93 लाख रुपये प्राप्त किए।

विनय समानिया: निवासी करावल नगर, दिल्ली। यह कमीशन के बदले बैंक खाते उपलब्ध कराता था।

मंदीप सिंह: निवासी खनक, भिवानी, हरियाणा। इसके खाते में 71 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे।

साइबर सुरक्षा: डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?

नोएडा पुलिस ने इस घटना के बाद नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे नए साइबर खतरों से सावधान रहने की अपील की गई है।

सतर्क रहें: याद रखें कि कोई भी सरकारी एजेंसी या पुलिस विभाग आपको फोन पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ नहीं कर सकती। यह साइबर ठगों द्वारा डराने और पैसे ऐंठने का एक तरीका है।

जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी, जैसे आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता विवरण या ओटीपी साझा न करें।

दबाव में न आएं: अगर कोई आपको डरा-धमका कर पैसे की मांग करता है, तो तुरंत फोन काट दें और घबराएं नहीं।

तत्काल शिकायत करें: ऐसे किसी भी संदिग्ध कॉल या घटना की सूचना तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें। आपकी एक छोटी सी सावधानी आपको बड़ी धोखाधड़ी से बचा सकती है।

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