Noida News/भारतीय टॉक न्यूज़: फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए एक उद्यमी को 10 करोड़ रुपये का लोन दिलाकर 4 करोड़ रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित कारोबारी की शिकायत पर कोर्ट के आदेश से बैंक कर्मियों समेत 6 लोगों के खिलाफ नोएडा के संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
पीड़ित संदीप कुमार, सेक्टर-129 नोएडा निवासी हैं और इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने की कंपनी चलाते हैं। उन्होंने कोर्ट में अर्जी देकर बताया कि उन्हें व्यापार के विस्तार के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत थी। वर्ष 2021 में उनकी मुलाकात लोन एजेंट सलमान से हुई जिसने 10 करोड़ का लोन दिलाने का झांसा दिया।
सलमान ने संदीप को दिल्ली के शालीमार बाग निवासी आशीष गोगिया से मिलवाया। इसके बाद दोनों ने संदीप की मुलाकात सेक्टर-18 स्थित आईसीआईसीआई बैंक की शाखा की कथित कर्मी प्रियंका अग्रवाल और खुद को क्षेत्रीय प्रबंधक बताने वाले संतोष सिंह से करवाई। इन बैंक अधिकारियों ने शर्त रखी कि संपत्ति गिरवी रखनी होगी और लोन मिलने पर उन्हें कंपनी का निदेशक भी बनाना होगा, साथ ही 30% कमीशन भी देना होगा।
इसके बाद दिल्ली के पटेल नगर निवासी अनिल शर्मा नामक व्यक्ति को संदीप की कंपनी में निदेशक बनाया गया। अनिल के नाम पर शकरपुर स्थित 300 वर्गगज के भूखंड को आधार बनाकर बैंक से 10 करोड़ रुपये का लोन पास करवा दिया गया।
आरोप है कि लोन जारी होने के बाद आरोपियों ने 4 करोड़ रुपये बतौर कमीशन ठग लिए, जिनमें से 2.30 करोड़ रुपये नकद और 1.70 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए। बाद में संदीप को पता चला कि अनिल शर्मा के दस्तावेज फर्जी थे और जिस संपत्ति को आधार बनाकर लोन लिया गया, वह पूरी तरह अवैध है।
कोर्ट के आदेश पर अब आईसीआईसीआई बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक, शाखा अधिकारी समेत कुल छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है और आरोपियों की भूमिका खंगाली जा रही है।
अपडेट:
पीड़ित ने मामले में उच्च स्तर की जांच और बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की है। पुलिस का कहना है कि दस्तावेजों की जांच और बैंक लेन-देन का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
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