ग्रेटर नोएडा को मिला पहला बायो गैस प्लांट, गोबर से बनेगी ईंधन गैस – हर दिन प्रोसेस होंगे 50 टन गोबर

Greater Noida gets its first biogas plant, fuel gas will be made from cow dung – 50 tonnes of cow dung will be processed every day

Partap Singh Nagar
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ग्रेटर नोएडा को मिला पहला बायो गैस प्लांट, गोबर से बनेगी ईंधन गैस – हर दिन प्रोसेस होंगे 50 टन गोबर

 

 

Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: शहर को पहला कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट मिलने जा रहा है। यह प्लांट जलपुरा स्थित ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा संचालित गोशाला में बनाया जाएगा। प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 50 टन गोबर प्रोसेस करने की होगी। इसका शिलान्यास सोमवार को दादरी विधायक तेजपाल नागर, भाजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा और प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने संयुक्त रूप से किया।

 ग्रेटर नोएडा को मिला पहला बायो गैस प्लांट, गोबर से बनेगी ईंधन गैस – हर दिन प्रोसेस होंगे 50 टन गोबर

प्लांट को करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से एक वर्ष में तैयार किया जाएगा। इसकी पूरी लागत निर्माण करने वाली एजेंसी वहन करेगी। प्राधिकरण का इस पर कोई वित्तीय खर्च नहीं आएगा।

गोशाला में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले गोबर को इस प्लांट में प्रोसेस किया जाएगा। इसके अलावा आस-पास के पशुपालकों से भी गोबर लिया जाएगा, जिससे उन्हें आमदनी का स्रोत मिलेगा और क्षेत्र में स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।

 

शिलान्यास कार्यक्रम में विधायक तेजपाल नागर ने कहा कि गोमाता की सेवा पुण्य का कार्य है और गोबर से बायो गैस बनाकर न केवल गोशाला की आय बढ़ेगी, बल्कि देश को स्वच्छ ऊर्जा भी मिलेगी। उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, ओएसडी गिरीश कुमार झा और जीएम आरके भारती सहित अन्य अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की।

भाजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने कहा कि ग्रेटर नोएडा जैसे औद्योगिक और शहरी क्षेत्र में इस प्रकार के बायो गैस प्लांट की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। अब यह योजना साकार हो रही है, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि गोशालाओं को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी।

 

प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि एक साल के भीतर यह प्लांट पूरी तरह से तैयार होकर काम करना शुरू कर देगा। प्लांट से प्राप्त गैस का उपयोग खाना बनाने और वाहनों में ईंधन के रूप में किया जा सकेगा। इसके लिए इंड्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) से बातचीत जारी है।

उन्होंने पशुपालकों से अपील की है कि वे गोबर को नालियों या सीवर में न डालें, क्योंकि इससे सीवर जाम की समस्या बढ़ती है। अब गोबर का सही उपयोग इस प्लांट के माध्यम से होगा।

यह बायो गैस प्लांट न केवल ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में कार्य करेगा, बल्कि स्वच्छता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।।

 

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