गौतमबुद्ध नगर में DM मेधा रूपम का एक्शन: ड्राइवर से लोकेशन पूछना पड़ा भारी, 9 साल से तैनात असलह बाबू हटाए गए

Action taken by DM Medha Rupam in Gautam Buddha Nagar: Asking the driver for his location proved costly, arms clerk posted for 9 years was removed

Partap Singh Nagar
3 Min Read
गौतमबुद्ध नगर में DM मेधा रूपम का एक्शन: ड्राइवर से लोकेशन पूछना पड़ा भारी, 9 साल से तैनात असलह बाबू हटाए गए

 

Noida News/भारतीय टॉक न्यूज़: नोएडा: गौतमबुद्ध नगर की नई जिलाधिकारी (DM) का पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही आईएएस अधिकारी मेधा रूपम ने एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाकर जिले के अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कलेक्ट्रेट में लगभग 9 वर्षों से असलह बाबू (आर्म्स क्लर्क) के पद पर तैनात अरविंद कुमार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। यह कार्रवाई डीएम के ड्राइवर से बार-बार उनकी लोकेशन पूछने के कारण की गई, जिसे गंभीर अनुशासनहीनता माना गया।

क्या है पूरा मामला?

सूत्रों के अनुसार, असलह बाबू अरविंद कुमार पर आरोप है कि वह जिलाधिकारी मेधा रूपम के ड्राइवर को फोन करके बार-बार उनकी लोकेशन की जानकारी ले रहे थे। इस बात की सूचना जब डीएम तक पहुँची, तो उन्होंने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन और एक गंभीर अनुशासनहीनता माना। जिलाधिकारी की गतिविधियों और लोकेशन को गोपनीय रखा जाता है और इस तरह की पूछताछ उनकी सुरक्षा और कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप मानी जाती है। इसी के चलते उन्होंने अरविंद कुमार को पद से हटाने का त्वरित निर्णय लिया।

प्रशासनिक खेमे में हड़कंप

डीएम मेधा रूपम के इस औचक और सख्त फैसले से गौतमबुद्ध नगर के प्रशासनिक खेमे में हड़कंप मच गया है। अरविंद कुमार लगभग एक दशक से इस पद पर बने हुए थे। इस कार्रवाई को एक स्पष्ट संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि नई जिलाधिकारी अपने कार्यकाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेंगी। अरविंद कुमार के स्थान पर अब सत्येंद्र कुमार को नया असलह बाबू नियुक्त किया गया है।

कौन हैं DM मेधा रूपम?

2014 बैच की आईएएस अधिकारी मेधा रूपम अपनी तेजतर्रार और परिणाम-उन्मुख कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं। वह गौतमबुद्ध नगर की पहली महिला जिलाधिकारी हैं। इससे पहले वह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (ACEO) और कासगंज की डीएम रह चुकी हैं। ग्रेटर नोएडा में अपने कार्यकाल के दौरान वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट्स जैसे जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी पर काम कर चुकी हैं, जिससे उनकी प्रशासनिक क्षमता स्पष्ट होती है।

पदभार संभालने के बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जनसमस्याओं का समय पर निस्तारण और एक पारदर्शी शासन उनकी प्राथमिकता होगी। असलह बाबू पर हुई यह कार्रवाई जिले में एक नए प्रशासनिक दौर की शुरुआत मानी जा रही है, जहाँ काम में ढिलाई और नियमों की अनदेखी करने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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