Greater Noida News/भारतीय टॉक न्यूज़: : यमुना नदी एक बार फिर उफान पर है, जिससे यमुना सिटी के रबूपुरा, जेवर और दनकौर क्षेत्र के दर्जनों गांवों में किसानों की चिंता बढ़ गई है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और पानी अब खादर के खेतों की ओर रुख करने लगा है। इससे किसानों को अपनी धान और अन्य फसलों के खराब होने का डर सता रहा है।
यमुना के किनारे बसे रबूपुरा क्षेत्र के फलैदा खादर, करौली बांगर, मेहंदीपुर, सिरौली बांगर तथा दनकौर के मकनपुर खादर और बांगर जैसे गांवों में यमुना का पानी खेतों की ओर बढ़ने लगा है। जेवर तहसील के यमुना किनारे बसे गांवों का भी यही हाल है। जलस्तर में वृद्धि के कारण खादर क्षेत्र के जंगलों और खेतों में पानी भरने लगा है, जिससे इन इलाकों में पशुओं के लिए चारे का संकट भी गहरा गया है।
किसानों का कहना है कि उन्होंने हाल ही में धान की रोपाई की है। ऐसे में अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है, तो उनकी मेहनत और लागत दोनों पर पानी फिर जाएगा। रबूपुरा के एक किसान भूरा सिंह ने बताया, “अभी धान की बुवाई की गई है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है और यदि यमुना का जलस्तर और बढ़ा तो फसलों को भारी नुकसान पहुंचेगा।”
विशेषज्ञों के अनुसार, बाढ़ की स्थिति में न केवल फसलें डूबती हैं, बल्कि खेत की उपजाऊ ऊपरी परत भी पानी के तेज बहाव के साथ बह जाती है। बाढ़ के साथ आने वाली बालू और सिल्ट के कारण धान की फसल को बचाना लगभग असंभव हो जाता है।
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया हजारों क्यूसेक पानी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से हाल ही में भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते मैदानी इलाकों में यमुना का जलस्तर बढ़ा है। बुधवार सुबह बैराज से 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जो इस सीजन के सबसे अधिक डिस्चार्ज में से एक है। हालांकि, यमुना अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है, लेकिन जिस तरह से जलस्तर बढ़ रहा है, उससे किसानों की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। किसानों ने प्रशासन से संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए उचित प्रबंध करने की मांग की है ताकि नुकसान को कम किया जा सके।