Noida News / भारतीय टॉक न्यूज़: सपनों के सौदागर बनकर आए जालसाजों ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक को न सिर्फ 15.86 करोड़ रुपये का चूना लगाया, बल्कि उसके नाम पर 102 करोड़ रुपये के फर्जी बिल काटकर उसे ही सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। यह सनसनीखेज मामला नोएडा के सेक्टर-113 का है, जहां कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
टर्नओवर बढ़ाने का दिया था लालच
सेक्टर-73 में रहने वाले कारोबारी जिले यादव ‘डमैक इंफ्रा एलएलपी’ नाम से एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं, जिसका वार्षिक टर्नओवर लगभग 7 से 8 करोड़ रुपये है। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 में उनके एक परिचित, दिल्ली निवासी सुचित सिंघल, ने उनकी मुलाकात राजस्थान के गंगानगर के रहने वाले सुमित अग्रवाल और पुनीत अग्रवाल से कराई।
इन तीनों ने जिले यादव को भरोसा दिलाया कि उनकी शासन स्तर पर ऊंची पहुंच है और वे उन्हें NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) जैसे बड़े सरकारी विभागों से ठेके दिलवाकर उनकी कंपनी का टर्नओवर कई गुना बढ़ा सकते हैं।
ऐसे बुना शातिराना जाल
आरोपियों ने अपनी बातों से जिले यादव का विश्वास जीत लिया। मार्च 2024 में, सुमित और पुनीत ने एक नई योजना पेश की। उन्होंने कहा कि उनके एक परिचित की कंपनी से सड़क निर्माण और लोहे का सामान बेहद सस्ते दामों पर मिल रहा है, जिसे बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है।
इस योजना के तहत, आरोपियों ने ‘कावुड प्राइवेट लिमिटेड’ नामक एक फर्जी कंपनी के बैंक खाते में जिले यादव से पैसे ट्रांसफर कराना शुरू किया। मार्च 2024 से जुलाई 2024 के बीच, पीड़ित ने कुल 34 ट्रांजैक्शन में 15 करोड़ 85 लाख 76 हजार 999 रुपये आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
पीड़ित पर दोहरी मार, जाना पड़ा जेल
धोखाधड़ी यहीं नहीं रुकी। पैसे हड़पने के बाद, आरोपियों ने जिले यादव की कंपनी के जीएसटी नंबर का दुरुपयोग करते हुए 102 करोड़ रुपये के फर्जी बिल भी जारी कर दिए। इस जीएसटी धोखाधड़ी के कारण, पीड़ित जिले यादव को खुद कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। जब उन्हें अपने साथ हुए इस बड़े छलावे का एहसास हुआ, तो उन्होंने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट की अर्जी पर संज्ञान लेते हुए कोतवाली सेक्टर-113 पुलिस ने अब सुचित सिंघल, सुमित अग्रवाल और पुनीत अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।