Ghaziabad News/ Lucknow/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। गाजियाबाद में तैनात राज्य कर अधिकारी (एसटीओ) रेनू पांडेय को घूसखोरी के गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। पांडेय पर एक व्यापारी से साढ़े तीन लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है, जिसकी पुष्टि एक ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग से हुई है। प्रथम दृष्टया साक्ष्य सही पाए जाने के बाद राज्य कर आयुक्त डॉ. नितिन बंसल ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया है।
मामला लखनऊ की फर्म मेसर्स बडी इंटरप्राइजेज से जुड़ा है। शिकायत के अनुसार, 12 जुलाई की रात को फर्म की गाड़ी संख्या यूपी-25 ईटी 2138 को जांच के नाम पर रोका गया था। आरोप है कि गाड़ी छोड़ने के एवज में अधिकारी रेनू पांडेय द्वारा रिश्वत की मांग की गई। शिकायतकर्ता ने अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए सबूत के तौर पर फोन कॉल की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग भी विभाग को सौंपी, जिसमें कथित तौर पर 3.5 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आई।
गाजियाबाद के अपर आयुक्त ग्रेड-1 के पास दर्ज कराई गई इस शिकायत की जब आरंभिक जांच की गई, तो मामले को प्रथम दृष्टया सही पाया गया। इसके बाद राज्य कर आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से रेनू पांडेय को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।
निलंबन के साथ ही रेनू पांडेय के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-7 के तहत विस्तृत विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। निलंबन की अवधि के दौरान, उन्हें वाराणसी जोन द्वितीय के आजमगढ़ कार्यालय से संबद्ध किया गया है, ताकि जांच प्रक्रिया को प्रभावित न किया जा सके। मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए जोन प्रथम वाराणसी के संयुक्त आयुक्त मनोज कुमार सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
यह कार्रवाई योगी आदित्यनाथ सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का एक और उदाहरण है। ऑडियो-वीडियो जैसे डिजिटल साक्ष्य ने इस मामले में विभाग को त्वरित और ठोस कार्रवाई करने में मदद की है।