Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़ : नोएडा के सोरखा गांव में उस वक्त तनाव चरम पर पहुंच गया, जब नोएडा प्राधिकरण की टीम ने कथित तौर पर बिना किसी पूर्व सूचना के किसानों के घरों पर बुलडोजर चला दिया। इस कार्रवाई के विरोध में उतरे किसानों और महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और दुर्व्यवहार का भी आरोप लगा है, जिसके बाद मामला और गरमा गया है। भारतीय किसान परिषद ने इस घटना के विरोध में सेक्टर-113 थाने का घेराव किया और अब प्राधिकरण को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
क्या है पूरा मामला?
घटना सोरखा गांव की खसरा संख्या 819 और 836 की जमीन से जुड़ी है। भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि यहां किसान चेतन, सुभाष, सुंदर, मांगे, योगेंद्र और सत्यवीर समेत कई मूल काश्तकारों के पुराने मकान बने हुए थे। आरोप है कि वर्क सर्किल-06 के वरिष्ठ प्रबंधक के.वी. सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम जेसीबी लेकर पहुंची और घरों को तोड़ना शुरू कर दिया।
जब किसानों और उनके परिवार की महिलाओं ने इस कार्रवाई का विरोध किया, तो प्राधिकरण के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों पंकज वर्मा, रईस अहमद और दो अन्य पर लाठीचार्ज करने और अभद्रता करने का आरोप लगा। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने किसानों के गुस्से को और भड़का दिया।
थाने का घेराव और प्राधिकरण के साथ बैठक
घटना के तुरंत बाद, भारतीय किसान परिषद के बैनर तले सैकड़ों किसान सेक्टर-113 थाने पहुंच गए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। बढ़ते दबाव को देखते हुए डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी सर्किल-3 मौके पर पहुंचे और किसानों को शांत कराया। अधिकारियों ने किसानों की तहरीर पर आरोपी जेई निखिल मित्तल और चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आश्वासन दिया।
इसके बाद, किसान परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री और ओएसडी अरविंद कुमार से मिला। बैठक में किसानों ने तीन प्रमुख मांगें रखीं:
🔸 वरिष्ठ प्रबंधक की बर्खास्तगी: किसानों के घर तोड़ने की कार्रवाई का नेतृत्व करने वाले वर्क सर्किल-06 के वरिष्ठ प्रबंधक के.वी. सिंह को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
🔸 पुलिसकर्मियों पर FIR और निलंबन: किसानों से मारपीट के आरोपी पुलिसकर्मियों पंकज वर्मा, रईस अहमद और दो अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें निलंबित किया जाए।
🔸मकान बनाने की अनुमति: जिन किसानों के घर तोड़े गए हैं, उन्हें उनकी जमीन पर फिर से मकान बनाने की अनुमति दी जाए।
तीन दिन का अल्टीमेटम, वरना होगा घेराव
सुखबीर खलीफा के अनुसार, प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक सप्ताह के भीतर तीनों मांगों पर कार्रवाई पूरी करने का आश्वासन दिया है। हालांकि, किसान परिषद ने प्राधिकरण को केवल तीन दिन का समय दिया है। खलीफा ने चेतावनी दी, “यदि तीन दिनों के भीतर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो चौथे दिन हजारों किसान नोएडा प्राधिकरण कार्यालय का घेराव करेंगे और वहीं अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्राधिकरण प्रशासन की होगी।” इस चेतावनी के बाद प्राधिकरण पर जल्द से जल्द मामले को सुलझाने का दबाव बढ़ गया है।