Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़ (संवाददाता) : उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मल्टी-मॉडल कार्गो हब न केवल देश की लॉजिस्टिक्स क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि यह अनाथ और वंचित युवाओं के लिए आशा की एक नई किरण भी बनकर उभरा है। 87 एकड़ में तैयार हो रहे इस विशाल कार्गो हब में 18 वर्ष से अधिक आयु के अनाथ युवाओं को ट्रेनिंग देकर स्थायी रोजगार प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा।
Air India SATS की विशेष सामाजिक पहल
कार्गो हब का निर्माण कर रही कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस (AISATS) ने इस नेक पहल की जिम्मेदारी ली है। कंपनी के सीईओ, के. रामनाथन राजमणि के अनुसार, यह योजना उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि चयनित युवाओं को नौकरी देने से पहले कंपनी अपनी दिल्ली और हैदराबाद स्थित ट्रेनिंग अकादमियों में प्रशिक्षित करेगी। इस ट्रेनिंग में क्लासरूम सेशन, प्रैक्टिकल और कार्य को बेहतर ढंग से समझने के लिए लाइव साइट पर काम करने का अनुभव भी शामिल होगा।
प्रशिक्षण के बाद, युवाओं को शुरुआत में कार्गो सिक्योरिटी, वेयरहाउसिंग और डॉक्यूमेंटेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अनुभव और योग्यता के आधार पर भविष्य में वे सुपरवाइजर या विशेषज्ञ के पदों तक पहुंच सकेंगे। श्री राजमणि ने यह भी बताया कि कंपनी पहले भी दिल्ली एयरपोर्ट पर इस तरह की पहल के तहत अनाथ युवाओं को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग और नौकरी दे चुकी है।
प्रगति पर कार्गो हब का निर्माण
कार्गो हब का ढांचागत कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यहां इंटीग्रेटेड वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स जोन में 42 ट्रकों की पार्किंग क्षमता वाला केंद्र और 27 भारी वाहनों के लिए डॉकिंग जोन तैयार है। यह भारत के सबसे बड़े कार्गो हब में से एक होगा, जिसके पूरी तरह से संचालित होने पर नोएडा एशिया के सबसे मजबूत लॉजिस्टिक्स गेटवे के रूप में स्थापित हो जाएगा।
स्थानीय युवाओं को भी मिलेगा रोजगार
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विशेष कार्याधिकारी, शैलेंद्र भाटिया ने पुष्टि की कि कार्गो हब का काम तेजी से प्रगति पर है और हवाई अड्डे से उड़ानें शुरू होने तक यह पूरी तरह तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 2.5 लाख टन की प्रारंभिक क्षमता वाले इस कार्गो हब से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिसमें स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि सामाजिक समावेशन का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करेगी।