Greater Noida/भारतीय टॉक न्यूज़ नोएडा (संवाददाता) : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट आसमान छूती जमीनों की कीमतों के बीच, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने भू-माफियाओं के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मंगलवार को एक बड़े अतिक्रमण विरोधी अभियान में, प्राधिकरण ने बुलंदशहर के झाझर और ककोड़ गांवों में अपनी 250 बीघा अधिसूचित भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया। इस जमीन का बाजार मूल्य लगभग 2500 करोड़ रुपए आंका गया है।
अचानक हुई कार्रवाई से मची भगदड़
क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां काटकर भोले-भाले लोगों को जमीन बेचने का गोरखधंधा बड़े पैमाने पर चल रहा था। इसे रोकने के लिए यमुना प्राधिकरण ने एक गोपनीय योजना तैयार की। मंगलवार सुबह, भारी पुलिस बल, जेसीबी, डंपर और अन्य मशीनरी के साथ प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने झाझर और ककोड़ गांवों में दस्तक दी।
अधिकारियों के पहुंचते ही अवैध कॉलोनाइजरों और वहां काम कर रहे लोगों में भगदड़ मच गई। प्राधिकरण की टीम ने बिना किसी देरी के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की। इस अभियान के दौरान, ऐरोनेस्ट कॉलोनाइजर (झाझर), श्री राधा गौरी एनक्लेव (ककोड़) और रुद्र प्रॉपर्टीज (ककोड़) जैसी कई अवैध कॉलोनियों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। मौके पर बने अवैध निर्माण, सड़कें और अन्य ढांचे मिनटों में जमींदोज कर दिए गए।
वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में चला अभियान
यह बड़ी कार्रवाई प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों की सीधी निगरानी में की गई। अभियान के दौरान मौके पर डिप्टी कलेक्टर शिव अवतार सिंह, विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) अजय कुमार शर्मा, ओएसडी अभिषेक शाही, और ओएसडी कृष्ण गोपाल त्रिपाठी मौजूद रहे। बुलंदशहर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भी इस अभियान में पूरा सहयोग दिया, जिससे यह कार्रवाई शांतिपूर्वक और प्रभावी ढंग से संपन्न हुई।
ओएसडी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि प्राधिकरण भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है और यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा।
प्राधिकरण की आम जनता से अपील: ‘अवैध कॉलोनियों में न फंसाएं अपनी गाढ़ी कमाई’
इस बड़ी कार्रवाई के बाद, यीडा के अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों में निवेश करने से बचें। उन्होंने कहा, “यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में जमीन खरीदने से पहले, प्राधिकरण कार्यालय में संपर्क कर उसकी वैधता की पूरी जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।”
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी अवैध कॉलोनी में जमीन खरीदता है और उसे किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान होता है, तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं खरीदार की होगी, प्राधिकरण इसके लिए उत्तरदायी नहीं होगा। साथ ही, उन्होंने पीड़ितों से आग्रह किया है कि अगर उन्होंने किसी अवैध कॉलोनाइजर से प्लॉट खरीदा है, तो रजिस्ट्री के कागजात के साथ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं और उसकी एक प्रति प्राधिकरण को भी दें, ताकि ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके।