गौतम बुद्ध नगर में चार राजनीतिक दलों पर गिरी गाज, वित्तीय लेखा-जोखा न देने पर पंजीकरण रद्द होने का खतरा

Four political parties in Gautam Buddha Nagar face the threat of cancellation of their registration if they fail to submit their financial statements.

Bharatiya Talk
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गौतम बुद्ध नगर में चार राजनीतिक दलों पर गिरी गाज, वित्तीय लेखा-जोखा न देने पर पंजीकरण रद्द होने का खतरा

Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़ (संवाददाता) : भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक और सख्त कदम उठाया है। आयोग के निर्देश पर गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने जिले में पंजीकृत चार राजनीतिक दलों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है। इन दलों पर लगातार तीन वित्तीय वर्षों से अपने वार्षिक खातों और ऑडिट रिपोर्ट का ब्योरा जमा न करने और चुनावी गतिविधियों में निष्क्रिय रहने का गंभीर आरोप है।

जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जिन राजनीतिक दलों को यह नोटिस भेजा गया है, उनमें भारतीय भाईचारा पार्टी, लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय भारतीय जन जन पार्टी, और राष्ट्रीय जनता पार्टी शामिल हैं। ये पार्टियाँ गौतम बुद्ध नगर के पते पर पंजीकृत तो हैं, लेकिन लंबे समय से इन्होंने किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है और न ही निर्वाचन आयोग के वित्तीय नियमों का पालन किया है।

गौतम बुद्ध नगर के प्रभारी सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इन सभी चार दलों को नोटिस का जवाब देने के लिए एक निश्चित समय-सीमा दी गई है। इस अवधि के दौरान उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि उन्होंने अपने वार्षिक लेखा-जोखा और परीक्षित खातों की जानकारी आयोग को क्यों नहीं दी।

जवाब नहीं तो पंजीकरण रद्द

प्रशासन ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय के भीतर इन दलों की ओर से कोई संतोषजनक जवाब या कोई अभ्यावेदन प्राप्त नहीं होता है, तो यह मान लिया जाएगा कि उन्हें अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है। इसके बाद, जिला निर्वाचन कार्यालय इन पार्टियों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली को एक औपचारिक अनुशंसा भेज देगा।

यह कार्रवाई चुनाव आयोग के उस अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत देश भर में कागजों पर चल रही या निष्क्रिय पार्टियों की पहचान कर उन्हें सूची से हटाया जा रहा है, ताकि केवल गंभीर और सक्रिय राजनीतिक दल ही चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनें।

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