Greater Noida Kisan News : ग्रेटर नोएडा में किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसान अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं। हाल ही में, 20 किसानों ने लक्सर जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है और उनके हक छीने जा रहे हैं। इस बीच, प्रशासन ने किसानों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है, लेकिन किसानों का कहना है कि जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
किसानों की भूख हड़ताल
ग्रेटर नोएडा में किसानों का आंदोलन शनिवार शाम को एक नए मोड़ पर पहुंच गया जब आंदोलन से जुड़े 20 किसानों ने लक्सर जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे भूख हड़ताल जारी रखेंगे। किसानों ने सरकार और प्रशासन पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उनके हक को जबरन छीना नहीं जा सकता।
राष्ट्रीय लोक दल का समर्थन
किसानों की गिरफ्तारी और उनकी समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) भी सक्रिय हो गया है। रालोद ने किसानों को अपना समर्थन दिया है और प्रशासन से किसानों की रिहाई और उनकी समस्याओं के निस्तारण की मांग की है। रालोद का प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष जनार्दन भाटी के नेतृत्व में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से मिला था।
प्रशासन का आश्वासन
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने किसानों के साथ किसी भी प्रकार की जबरदस्ती नहीं करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के हितों का ध्यान रखेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे। हालांकि, किसान संगठन लंबे समय से अपनी कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और उन्हें प्रशासन के आश्वासन पर पूरा विश्वास नहीं है।
उच्च स्तरीय बैठक और निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों से किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर हल करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ शनिवार को ग्रेटर नोएडा आए मुख्य सचिव ने कहा कि तीनों प्राधिकरण प्रत्येक किसानों की सूची तैयार कर उनके प्राप्त होने वाले लाभ बिना विलंब देना सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने किसानों की समस्याओं को निस्तारित करने में अवरोध पैदा करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी दी।
ग्रेटर नोएडा में किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। किसानों की भूख हड़ताल ने इस आंदोलन को और गहराई दी है। प्रशासन ने किसानों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। देखना होगा कि यह मामला आगे क्या मोड़ लेता है और किसानों की मांगें कब पूरी होती हैं।