Greater Noida News/ Bharatiya Talk News: ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी और लंबे समय से प्रतीक्षित खबर सामने आई है। वर्ष 2007-08 से 2011-12 के बीच हुए भूमि अधिग्रहण के दौरान जिन 2192 किसानों को आबादी की बैकलीज दी गई थी, उनमें से 151 प्रकरण ऐसे थे जो विवादों और गड़बड़ियों की वजह से अधर में लटके हुए थे। अब लगभग 15 वर्षों बाद इन किसानों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) ने इन 151 बैकलीज प्रकरणों की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। एसआईटी का नेतृत्व यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह कर रहे थे। जांच में पाया गया कि 2192 में से शेष सभी बैकलीज प्रकरण सही थे, केवल 151 मामलों में ही तकनीकी या दस्तावेज़ीय शंकाएं थीं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग ने इन 151 मामलों से जुड़े दस्तावेज़, साक्ष्य और खेतों की वास्तविक स्थिति से जुड़ी जानकारी एसआईटी के सामने मजबूती से प्रस्तुत की। इसके साथ ही एसआईटी ने मौके पर जाकर भी कुछ केस की जांच की ताकि जमीनी सच्चाई का पता लगाया जा सके। अब यह रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, जिससे संकेत मिलते हैं कि इन प्रकरणों पर जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
इस फैसले से उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी, जो एक दशक से अधिक समय से आबादी की बैकलीज की स्वीकृति का इंतजार कर रहे थे। उम्मीद की जा रही है कि शासन से स्वीकृति मिलते ही इन किसानों को उनका अधिकार मिल जाएगा, जिससे न केवल उनका भरोसा शासन-प्रशासन पर मजबूत होगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में विकास की रफ्तार भी तेज होगी।