Ghaziabad/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शनिवार देर रात पुलिस और अपराधियों के बीच हुई एक भीषण मुठभेड़ में अनिल दुजाना गैंग का कुख्यात बदमाश बलराम ठाकुर मारा गया। बलराम ठाकुर पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और वह हाल ही में रंगदारी मांगने के कई मामलों में वांछित था। यह मुठभेड़ वेव सिटी थाना क्षेत्र के एक अंडरपास पर हुई और इसे गाजियाबाद के नए पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ के कार्यकाल का पहला बड़ा एनकाउंटर माना जा रहा है।
रंगदारी मांगने के बाद से थी पुलिस को तलाश
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बलराम ठाकुर ने दो दिन पूर्व ही गाजियाबाद के एक प्रसिद्ध मिष्ठान भंडार, मदन स्वीट्स, और एक लोहा कारोबारी को फोन कर लाखों रुपये की रंगदारी की मांग की थी। इस घटना के बाद से ही गाजियाबाद क्राइम ब्रांच और स्वाट टीम उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
योजनाबद्ध तरीके से की गई घेराबंदी
शनिवार देर शाम, पुलिस को बलराम ठाकुर की वेव सिटी इलाके में मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली। सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और स्वाट टीम प्रभारी अनिल राजपूत के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी की। पुलिस ने जब अंडरपास के पास बलराम ठाकुर को रोकने का प्रयास किया, तो उसने पुलिस टीम पर गोलीबारी शुरू कर दी।
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें बलराम ठाकुर को कई गोलियां लगीं। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह एक “फुल एनकाउंटर” था, जिसमें कुख्यात अपराधी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया गया।
कौन था बलराम ठाकुर?
बलराम ठाकुर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना का करीबी सहयोगी था, जो खुद भी कुछ समय पहले एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। ठाकुर पर हत्या, लूट, और रंगदारी समेत कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे। वह गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में व्यापारियों के बीच दहशत का पर्याय बन गया था और रंगदारी वसूलने का एक बड़ा नेटवर्क चलाता था।
इस सफल ऑपरेशन के बाद, गाजियाबाद पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जिले में अपराधियों और संगठित अपराध के लिए कोई जगह नहीं है। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ इस तरह की सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।