Sanatan Ekta Padyatra : बागेश्वर धाम (BabaBageshwarDham)के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने अपनी 9 दिवसीय पदयात्रा (SanatanEktaPadyatra) के दौरान बढ़ती भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा में शामिल न हों और लाइव के माध्यम से जुड़ें। उनका उद्देश्य है कि किसी को असुविधा न हो। यह यात्रा आज आठवें दिन निवाड़ी जिले के ओरछा तिगैला पहुँच गई है और इसका समापन शुक्रवार को रामराजा सरकार की नगरी ओरछा में होगा।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष अपील
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने एक वीडियो जारी कर यात्रा में शामिल होने के इच्छुक श्रद्धालुओं से कहा है कि पहले से ही लाखों लोग(SanatanEktaPadyatra) यात्रा में भाग ले रहे हैं। उन्होंने उन लोगों से अपील की है जो अभी यात्रा में शामिल होने का विचार कर रहे हैं, कि वे वहीं रुकें और लाइव माध्यम से यात्रा में जुड़ें। यह अपील बढ़ती भीड़ को देखते हुए की गई है ताकि सभी श्रद्धालुओं को समुचित व्यवस्था और सुख-सुविधा मिल सके।
आवश्यक सूचना-पूज्य सरकार ने किया आह्वान…सुनिए पूज्य सरकार की जुबानी | Bageshwar Dham Sarkar #bageshwardhamsarkar #sanatanhinduektapadyatra2024 #padyatra #orchhadham pic.twitter.com/ttnIoOlgdx
— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) November 28, 2024
- समापन: यात्रा का समापन शुक्रवार को रामराजा सरकार की नगरी ओरछा में होगा।
- लाखों की संख्या में भक्त: यात्रा में पहले से ही लाखों की संख्या में भक्त शामिल हो चुके हैं।
- समुचित व्यवस्था: शास्त्री जी का मानना है कि इस तरह से सभी श्रद्धालुओं को समुचित व्यवस्था और सुख-सुविधाएं मिल सकेंगी।
- लाइव माध्यम: उन्होंने कहा कि भक्त लाइव माध्यम से भी यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं।
यात्रा का महत्व और एकता का संदेश
बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा तक करीब 160 किलोमीटर की यह सनातन हिंदू एकता पदयात्रा लगातार आगे बढ़ रही है। पंडित शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने सभी पैदल चल रहे यात्रियों का उत्साह बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि लाखों लोग जात-पात मिटाकर सिर्फ हिंदुत्व के लिए पैदल निकले हैं, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इस यात्रा से कट्ट हिंदुत्व की चिंगारी निकली है।
संतों और राजनीतिक हस्तियों की भागीदारी
इस (SanatanEktaPadyatra)पदयात्रा में देश के जाने-माने संतों के साथ-साथ राजनीति से जुड़े लोग भी शामिल हो रहे हैं। पंडित शास्त्री ने कहा कि बिना सड़क पर निकले लोगों को एकजुट नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य मजहबों में कई जातियां होने के बावजूद जब धर्म की बात आती है, तो सभी एकजुट हो जाते हैं। हमें भी अपने धर्म के लिए आपसी भेद-भाव, जात-पात, और छुआ-छूत को भूलना पड़ेगा।
- 160 किलोमीटर की यात्रा: बागेश्वर धाम से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा तक की यह यात्रा लगभग 160 किलोमीटर लंबी है।
- संतों और राजनेताओं का साथ: यात्रा में देश के जाने-माने संतों के साथ-साथ राजनीति से जुड़े लोग भी शामिल हो रहे हैं।
- हिंदुत्व की चिंगारी: शास्त्री जी का मानना है कि इस यात्रा से हिंदुत्व की एक नई चिंगारी निकली है।
- एकजुटता का संदेश: उन्होंने सभी से जाति-पात और भेदभाव को छोड़कर एकजुट होने का आह्वान किया है।
इस प्रकार, बागेश्वर बाबा (Baba Bageshwar)की पदयात्रा न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का भी संदेश देती है।
यह लेख बागेश्वर बाबा की पदयात्रा में बढ़ती भीड़ और शास्त्री जी की अपील के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।