Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा पुलिस और एसटीएफ संयुक्त टीम ने गौतमबुद्धनगर ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात रणदीप भाटी गैंग से जुड़े दो भूमाफियाओं को गिरफ्तार किया है। इन पर गुरुग्राम के एक निवासी की जमीन पर जबरन कब्जा करने, धमकी देकर 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की गई संपत्ति पर अवैध कब्जा कर किराया वसूलने जैसे गंभीर आरोप हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह कार्रवाई गुरुग्राम निवासी भरत लाल चौबे की शिकायत पर हुई, जिन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी व्यथा बताई थी। जांच में एसटीएफ ने पाया कि भरत लाल ने 2018 में ग्राम मोमनाथल में एक भूखंड खरीदा था, जिस पर पहले से दो दुकानें बनी हुई थीं। आरोप है कि रणदीप भाटी गैंग से जुड़े भूपेन्द्र मोमनाथल, सोनू और वीरेन्द्र पोसवाल ने इन दुकानों का ताला तोड़कर उन पर कब्जा कर लिया और फैजान नामक एक कबाड़ी को किराये पर बैठा दिया।
फर्जी रजिस्ट्री और बिजली कनेक्शन का खेल
जांच में सामने आया कि भूमाफियाओं ने इस कब्जे को वैध दिखाने के लिए एक शातिर साजिश रची। उन्होंने एक पुरानी जमीन की खरीद-फरोख्त का सहारा लेकर वीरेन्द्र पोसवाल के नाम दो फर्जी रजिस्ट्रियां करा लीं। इन रजिस्ट्रियों में न तो दुकानों का जिक्र था और न ही जमीन का कोई सटीक सीमांकन। इसी फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर उन्होंने NPCL से बिजली का कनेक्शन भी हासिल कर लिया और पूरे भूखंड पर अपना दावा ठोक दिया।
धमकी और 10 लाख की रंगदारी
जब पीड़ित भरत लाल चौबे अपनी जमीन पर पहुंचे, तो आरोपी भूपेन्द्र, सोनू और वीरेन्द्र ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने जमीन से कब्जा छोड़ने के एवज में 10 लाख रुपये की मांग की। गैंग के खौफ का आलम यह था कि इसी मामले में एक अन्य पीड़ित विकास जिंदल डर के मारे शिकायत करने तक नहीं आए।
न्यायालय के आदेश की भी नहीं परवाह
एसटीएफ की जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। भूपेन्द्र और सोनू के खिलाफ पहले से ही गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है, जिसमें उनकी मोमनाथल स्थित एक संपत्ति को न्यायालय के आदेश पर कुर्क किया गया था। आरोपियों ने उस संपत्ति पर लगे कुर्की के बोर्ड को उखाड़ फेंका और वहां शेड बनाकर एक फैक्ट्री को 1.40 लाख रुपये महीने के किराए पर दे दिया। यह सीधे तौर पर न्यायालय के आदेश का उल्लंघन था।
गिरफ्तारी और पूछताछ में बड़ा खुलासा
नॉलेज पार्क थाना पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीम ने मंगलवार, 17 जून 2025 को सोनू और वीरेन्द्र पोसवाल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि वे भूपेन्द्र के साथ मिलकर खाली जमीनों पर कब्जा करते हैं और अपने आपराधिक रिकॉर्ड का डर दिखाकर मालिकों से वसूली करते हैं। सोनू ने यह भी कबूला कि वह कुख्यात बदमाशों को शरण देता है। उसने अक्टूबर 2023 में हरियाणा के कुख्यात कौशल गैंग के शूटर ‘हुल्ली’ को शरण देने और उसका इलाज कराने की बात भी स्वीकार की।
एसटीएफ ने दोनों गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।