Greater Noida भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर में प्रदूषण फैलाने और नियमों की अनदेखी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। सीवर के पानी को बिना शोधित (ट्रीट) किए सीधे नालों में बहाने के गंभीर मामले में प्राधिकरण ने सख्त रुख अपनाते हुए 7 बिल्डर सोसायटियों पर कुल 54 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में दोबारा ऐसी लापरवाही पाई गई तो न केवल FIR दर्ज कराई जाएगी, बल्कि लीज डीड और भवन नियमावली के तहत भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण की टीम ने किया औचक निरीक्षण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई बिल्डर सोसायटियों में स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का सही ढंग से संचालन नहीं किया जा रहा है और दूषित पानी को सीधे नालों में छोड़ा जा रहा है, जो पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए, शुक्रवार को प्राधिकरण के अधिकारियों की एक टीम ने विभिन्न सेक्टरों में स्थित बिल्डर सोसायटियों का औचक निरीक्षण किया।
जांच के दौरान टीम ने पाया कि कई सोसायटियों में STP या तो बंद थे या फिर नाममात्र के लिए चलाए जा रहे थे। सीवर के गंदे पानी को बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे नाले में गिराया जा रहा था, जो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों का खुला उल्लंघन है।
इन बिल्डरों पर गिरी गाज
प्राधिकरण की जांच में दोषी पाए गए बिल्डरों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया गया। जिन सोसायटियों पर यह कार्रवाई हुई है, उनमें शामिल हैं:
🔸 सेक्टर-1: राजहंस रेजिडेंसी, पैरामाउंट इमोशंस, देविका होम्स, कैपिटल एथिना और पंचशील हाइनिस।
🔸टेकजोन-4: जेएम फ्लोरेंस।
🔸सेक्टर-16: पंचशील ग्रीन्स-2।
प्राधिकरण ने इन सभी बिल्डरों को जुर्माने की रकम NGT के खाते में जमा कराने और इसकी रसीद प्राधिकरण में जमा करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
पुनरावृत्ति पर होगी FIR
प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा, “ग्रेटर नोएडा को एक स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त शहर बनाना हमारी प्राथमिकता है। हम सीवरेज के शत-प्रतिशत ट्रीटमेंट और शोधित जल के दोबारा उपयोग (रियूज) के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह लक्ष्य तभी हासिल हो सकता है जब सभी हितधारक, विशेषकर बिल्डर सोसायटियां, अपनी जिम्मेदारी निभाएं।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण जारी रहेंगे। यदि कोई बिल्डर नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे, जिसमें FIR दर्ज कराना भी शामिल है।
प्राधिकरण ने सभी सोसायटियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने STP को पूरी क्षमता से चलाएं और शोधित किए गए साफ पानी का उपयोग बागवानी, धुलाई और निर्माण जैसे कार्यों में करें, ताकि ताजे पानी की बचत हो सके।