Noida News / Vigilance Raid: विजिलेंस टीम ने नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन ओएसडी रवींद्र यादव के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई गौतम बुद्ध नगर में की गई, जहां टीम ने रवींद्र यादव के नोएडा स्थित आवास और इटावा के स्कूल पर जांच की। रवींद्र यादव वर्तमान में निलंबित हैं, और उन्हें 13 फरवरी 2023 को सस्पेंड किया गया था।
रवींद्र यादव के बारे में
- पद: नोएडा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन ओएसडी
- निलंबन: 13 फरवरी 2023 को निलंबित
- आय और खर्च: 2005 से 2018 के बीच आय 94.49 लाख रुपये, खर्च 2.44 करोड़ रुपये
- अवैध संपत्ति: 1.5 करोड़ रुपये से अधिक
आय से अधिक संपत्ति का मामला
विजिलेंस जांच में यह सामने आया है कि रवींद्र यादव ने 1 जनवरी 2005 से 31 दिसंबर 2018 तक 94.49 लाख रुपये की वैध आय अर्जित की, जबकि इस दौरान उन्होंने 2.44 करोड़ रुपये खर्च किए। यह दर्शाता है कि उनके खर्च उनकी आय से लगभग 1.5 करोड़ रुपये अधिक रहे। विजिलेंस टीम के अनुसार, वह अतिरिक्त संपत्ति के स्रोत का कोई वैध विवरण नहीं दे सके।
नोएडा और इटावा में छापेमारी
विजिलेंस की 18 सदस्यीय टीम ने नोएडा सेक्टर-47 में यादव के तीन मंजिला आवास और इटावा के तलोरा नगर स्थित स्कूल पर कार्रवाई की। नोएडा स्थित आवास की अनुमानित बाजार कीमत 16 करोड़ रुपये और इटावा के स्कूल परिसर की कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये आंकी गई है।
स्कूल और संपत्ति में अनियमितताएं
जांच में पता चला कि इटावा स्थित स्कूल का संचालन यादव के बेटे द्वारा किया जा रहा है। यह स्कूल पूरी तरह से अवैध रूप से निर्मित है और इसे बिना किसी वैध स्वीकृति के संचालित किया जा रहा है। स्कूल के संचालन में 10 बसों का उपयोग हो रहा है, जिसकी अनुमानित कीमत 1.04 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, यादव ने मेरठ और नोएडा में एक दर्जन से अधिक प्लॉट भी खरीद रखे हैं, जिनकी जांच जारी है।
विजिलेंस की रिपोर्ट
विजिलेंस की टीम ने यह भी खुलासा किया है कि यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा विकास प्राधिकरण में भूखंड आवंटन और सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए कई बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। वर्ष 2007 में ओएसडी के पद पर रहते हुए उन्होंने कई प्राइवेट कंपनियों को आईटी और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में नियमों के खिलाफ फायदा पहुंचाया।
कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
विजिलेंस की यह कार्रवाई निदेशक, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निर्देश पर की गई। सभी जब्त दस्तावेजों और संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड्स को अब विस्तृत जांच के लिए शामिल किया जा रहा है। कानूनी कार्रवाई के तहत यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है, और आगे की कानूनी प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकारी पदों का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।