Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संपत्ति विभाग के कर्मचारियों की सतर्कता और सूझबूझ से एक बड़ा प्रॉपर्टी फर्जीवाड़ा होने से टल गया। एक व्यक्ति फर्जी तरीके से मूल आवंटी बनकर प्रॉपर्टी का ट्रांसफर अपने नाम कराने की कोशिश कर रहा था, जिसे प्राधिकरण के स्टाफ ने रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी को तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया गया, और प्राधिकरण की ओर से सूरजपुर कोतवाली में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

घटना का विवरण: ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
मामला ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पी-3 स्थित भूखंड संख्या डी-138 से जुड़ा है, जो मूल रूप से पीपी सिंह नामक व्यक्ति के नाम पर आवंटित है। इस प्रॉपर्टी के ट्रांसफर के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्राधिकरण में एक आवेदन प्रस्तुत किया गया था। प्रक्रिया के तहत, संपत्ति विभाग द्वारा आवंटी को फिजिकल वेरीफिकेशन के लिए बुलाया गया। बुधवार (28 मई 2025) को पीपी सिंह के नाम पर एक व्यक्ति फिजिकल वेरीफिकेशन के लिए संपत्ति विभाग पहुँचा। विभाग की प्रबंधक को उक्त व्यक्ति की गतिविधियों और दस्तावेजों पर संदेह हुआ।
संदेह और जांच: आधार और मूल फाइल से खुली पोल
प्रबंधक ने जब व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत आधार कार्ड में लिखे ब्योरे का मिलान किया, तो फोटो और जन्मतिथि मूल फाइल में दर्ज विवरण से मेल नहीं खा रहे थे। इससे फर्जीवाड़े की आशंका गहरा गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रेटर नोएडा एम्पलाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष सोनू भड़ाना भी मौके पर पहुँचे और तत्काल पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस कार्रवाई: आरोपी सलाखों के पीछे
सूचना मिलते ही सूरजपुर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुँची और आरोपी व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। प्राधिकरण के प्रबंधक राजेश सिंह की तरफ से कोतवाली में लिखित तहरीर दी गई, जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में आरोपी की पहचान महिपाल पुत्र चंद्रपाल सिंह के रूप में हुई है।
प्राधिकरण का कड़ा रुख: दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) सुनील कुमार सिंह ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चेतावनी दी है कि प्रॉपर्टी के लेनदेन में किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है और इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की भी पड़ताल की जा रही है। उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस बाबत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी वार्ता की गई है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
सीईओ के निर्देश: फिजिकल वेरीफिकेशन में सख्ती
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एनजी रवि कुमार ने संपत्ति से जुड़े सभी विभागों को फिजिकल वेरीफिकेशन की प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कर्मचारियों की सतर्कता की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार सजग रहने को कहा है ताकि प्राधिकरण की संपत्तियों के साथ कोई भी व्यक्ति धोखाधड़ी न कर सके।