Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को सशक्त बनाते हुए नोएडा में देश की पहली टेम्पर्ड ग्लास बनाने वाली फैक्ट्री की शुरुआत हो गई है। सेक्टर-68 में ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम द्वारा स्थापित इस इकाई में अब विश्व प्रसिद्ध कॉर्निंग टेम्पर्ड ग्लास का उत्पादन होगा, जिनका उपयोग मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्क्रीन को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। इस पहल से न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि 4500 नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
शनिवार को फैक्ट्री का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इस कदम को डिजिटल भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि अब तक इन ग्लास का आयात किया जाता था, लेकिन अब इनका देश में ही उत्पादन होना आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दर्शाता है।
800 करोड़ का निवेश, 20 करोड़ ग्लास का उत्पादन
ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत 70 करोड़ रुपये के प्रारंभिक निवेश से की है, जिससे 600 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। कंपनी ने भविष्य में 800 करोड़ रुपये का और निवेश करने की योजना बनाई है। इस निवेश से फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता बढ़कर प्रति वर्ष 20 करोड़ टेम्पर्ड ग्लास हो जाएगी और कुल 4500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
बढ़ते बाजार पर भारतीय कंपनी की नजर
भारत में प्रति वर्ष 50 करोड़ से अधिक टेम्पर्ड ग्लास की मांग है और यह बाजार 20 हजार करोड़ रुपये से भी बड़ा है। अब तक स्थानीय स्तर पर उत्पादन न होने के कारण यह पूरी मांग आयात से पूरी होती थी। ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम ने इस विशाल बाजार में कदम रखकर एक नई मिसाल कायम की है। कंपनी, जिसने 1995 में भारत में मोबाइल फोन लॉन्च करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, अब मोबाइल एसेसरीज के बाद टेम्पर्ड ग्लास उत्पादन में भी अग्रणी बन गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत की ऊंची उड़ान
केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग उद्योग छह गुना और निर्यात आठ गुना बढ़ा है। आज यह उद्योग 11.5 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है, जिसमें से 3.5 लाख करोड़ रुपये के उपकरणों का निर्यात किया जा रहा है। देश में 25 लाख लोगों को सीधे तौर पर इस सेक्टर में रोजगार मिल रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही गोरिल्ला ग्लास, कवर्ड ग्लास और ‘मेक इन इंडिया’ चिप्स का उत्पादन भी देश में शुरू होगा, जिससे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति बनकर उभरेगा।