ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बड़ा घोटाला: बिना जमीन अधिग्रहण के आवंटन मामले में 6 और अधिकारी निलंबित होने की कगार पर

Big scam in Greater Noida Authority: 6 more officers on the verge of suspension in allotment case without land acquisition

Partap Singh Nagar
3 Min Read
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बड़ा घोटाला: बिना जमीन अधिग्रहण के आवंटन मामले में 6 और अधिकारी निलंबित होने की कगार पर

Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़ : गौतम बुद्ध नगर के पतवारी गांव में एक बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिना जमीन का अधिग्रहण किए ही पांच आवंटियों को 9,600 वर्ग मीटर के भूखंड आवंटित कर दिए गए और उनकी लीज डीड भी कर दी गई। इस गंभीर मामले में प्राधिकरण की आंतरिक जांच में दोषी पाए गए 6 और अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश शासन से की गई है।

निलंबन की सिफारिश वाले नए अधिकारी:

प्राधिकरण द्वारा शासन को भेजे गए प्रस्ताव में निम्नलिखित छह अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति की गई है:
🔸 तत्कालीन सहायक प्रबंधक परियोजना वैभव नागर
🔸 तत्कालीन प्रबंधक परियोजना मनोज धारीवाल
🔸 सहायक विधि अधिकारी वंदना राघव
🔸 तत्कालीन प्रबंधक विधि विभाग अतुल शुक्ला
🔸तत्कालीन वरिष्ठ ड्राफ्टमैन सुरेश कुमार
🔸तत्कालीन वरिष्ठ कार्यकारी प्रबंधक डब्लू सुखबीर सिंह

जांच में अधिकारियों पर सिद्ध हुए आरोप:

प्राधिकरण की जांच में इन अधिकारियों पर गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैं। इन पर पट्टे के दस्तावेजों को दोषपूर्ण तरीके से तैयार करने, भूमि के स्वामित्व का सत्यापन किए बिना लापरवाही बरतने और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। इस लापरवाही के कारण प्राधिकरण को वित्तीय नुकसान होने की संभावना है।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई:

यह पहला मौका नहीं है जब इस मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। एक महीने पहले भी प्राधिकरण ने इस घोटाले में संलिप्त पाए गए 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इनमें तत्कालीन एसडीएम, महाप्रबंधक और वरिष्ठ प्रबंधक शामिल थे। इस नई सिफारिश के साथ, इस मामले में निलंबित होने वाले अधिकारियों की संख्या बढ़कर 11 हो जाएगी।

न्यायालय में प्राधिकरण का हलफनामा:

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय में एक हलफनामा भी दाखिल किया है। इस हलफनामे में प्राधिकरण ने उन सभी 11 अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की सिफारिश की है, जिन्हें जांच में दोषी पाया गया है।

कई अधिकारी हो चुके हैं स्थानांतरित:

निलंबन की सिफारिश में शामिल कई अधिकारी अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत नहीं हैं। तत्कालीन वरिष्ठ कार्यकारी प्रबंधक योजना विभाग डब्लू सुखबीर सिंह तो कई साल पहले ही प्राधिकरण की नौकरी छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, तत्कालीन प्रबंधक मनोज धारीवाल और सहायक विधि अधिकारी चंदन राघव वर्तमान में यमुना विकास प्राधिकरण में तैनात हैं।

यह घटना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भूमि आवंटन की प्रक्रिया में व्याप्त अनियमितताओं को उजागर करती है। प्राधिकरण अब इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

 

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