Dadri News : जिला न्यायालय गौतम बुद्ध नगर ने गैंगस्टर और भूमाफिया यशपाल तोमर की दूसरी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। यह निर्णय उस समय आया जब यशपाल तोमर और उसके गिरोह द्वारा गरीबों को आवंटित सरकारी पट्टो की जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया।
घोटाले का खुलासा
दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में 20 अगस्त 1997 को तत्कालीन एसडीएम द्वारा पट्टों का आवंटन किया गया था। यशपाल तोमर ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर 100 बीघा भूमि अपने नाम कर ली, जिससे गरीबों को भूमि का हिस्सा नहीं मिल पाया।
धोखाधड़ी का जाल
यशपाल तोमर ने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से भूमि को अपने परिचित मल्लू के पक्ष में स्थानांतरित कर दिया। यह धोखाधड़ी शीर्ष अधिकारियों की मिलीभगत से की गई थी, जिससे सरकारी दस्तावेजों में भी छेड़छाड़ की गई।
न्यायालय में सुनवाई
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता रोहताश शर्मा ने बताया कि यशपाल तोमर की दूसरी जमानत याचिका पर सुनवाई बुधवार को हुई। अपर जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश विजय कुमार हिमांशु ने इसे खारिज कर दिया।
पुलिस कार्रवाई
चिटहेरा गांव में गरीब किसानों की जमीन को डरा-धमका कर हड़पने के मामले में दादरी पुलिस ने यशपाल तोमर और उसके गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने सरगना सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
फर्जीवाड़े का आंकड़ा
यशपाल तोमर के गिरोह ने चिटहेरा गांव के सरकारी पट्टों की 100 करोड़ से अधिक की जमीन फर्जीवाड़ा कर खरीद ली। यह पट्टे सरकार द्वारा गरीब किसानों को जीवन यापन के लिए दिए गए थे। विरोध करने पर यशपाल तोमर और उसके गिरोह ने विरोधियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में मामले दर्ज कराए।
इस प्रकार, चिटहेरा भूमि घोटाले में यशपाल तोमर की गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है और न्यायालय ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया है।