बाइक बोट घोटाले के आरोपी को नहीं मिली जमानत, कोर्ट ने अपराध को बताया गंभीर

Bike boat scam accused did not get bail, court called the crime serious

Partap Singh Nagar
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बाइक बोट घोटाले के आरोपी को नहीं मिली जमानत, कोर्ट ने अपराध को बताया गंभीर

Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा। बाइक बोट घोटाले के आरोपी राजेश भारद्वाज को विशेष एससी/एसटी न्यायालय से राहत नहीं मिली है। न्यायालय ने उनकी द्वितीय जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर प्रकृति का है और करोड़ों रुपये के आर्थिक अपराध से जुड़ा हुआ है। यह मामला वर्ष 2019 में दादरी कोतवाली में दर्ज किया गया था।

34 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप

शिकायतकर्ता सुनील कुमार मीणा ने आरोप लगाया था कि उन्होंने बाइक टैक्सी सेवा देने का वादा करने वाली गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड नामक कंपनी में 34 लाख रुपये का निवेश किया था। इस कंपनी के प्रमुख निदेशक संजय भाटी के अलावा राजेश भारद्वाज, सुनील कुमार प्रजापति, दीप्ति बहल, सचिन भाटी और करण पाल सिंह भी निदेशक थे। शिकायतकर्ता को निवेश के बदले 51 बाइकें और एक निश्चित मासिक आय देने का वादा किया गया था, जो कभी पूरा नहीं हुआ। कंपनी पर निवेशकों से झूठे वादे करके पैसे ठगने और उन्हें धोखा देने का आरोप है। यह भी आरोप है कि कंपनी ने देशभर के लाखों लोगों से अरबों रुपये की उगाही की है।

आरोपी ने खुद को बताया निर्दोष

आरोपी राजेश भारद्वाज ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि वह 4 जुलाई 2019 से जेल में बंद हैं और इस मामले में वह निर्दोष हैं। उनके वकील ने अदालत में तर्क दिया कि उनकी पहली जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है, और वर्तमान याचिका नए आधार पर दाखिल की गई है।

न्यायालय ने अपराध को बताया सुनियोजित षडयंत्र

हालांकि, न्यायालय ने पाया कि इस दूसरी जमानत याचिका में कोई भी नया या ठोस आधार प्रस्तुत नहीं किया गया है। अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि बाइक बोट कंपनी द्वारा किया गया घोटाला सिर्फ निवेशकों को धोखा देना नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित आपराधिक षडयंत्र प्रतीत होता है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने राजेश भारद्वाज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

 

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