Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन ने 25 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जीत हासिल की है। इस जीत के परिणामस्वरूप, कर्मचारियों को 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा। यह निर्णय न्यायाधिकरण पंचम उत्तर प्रदेश मेरठ द्वारा पारित एवार्ड के आधार पर लिया गया है, जिसमें कर्मचारियों को पिछले पूरे वेतन के साथ कार्य पर बहाल करने का आदेश दिया गया था।
श्रम विभाग की कार्रवाई
श्रम विभाग ने 04-01-2024 को 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपए की वसूली प्रमाण पत्र जारी किया। जिलाधिकारी से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से वसूली कर एवार्ड से संबंधित कर्मचारियों को भुगतान करने का अनुरोध किया गया। यह पत्र ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी भेजा गया था।
उच्च न्यायालय का निर्णय
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एवार्ड के खिलाफ उच्च न्यायालय में रिट याचिकाएं दाखिल की थीं, जिन्हें 16-10-2024 को खारिज कर दिया गया। उच्च न्यायालय ने औद्योगिक न्यायाधिकरण के एवार्ड को बहाल करते हुए जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर को 90 दिनों के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन
इस मामले की जानकारी देने के लिए यूनियन ने प्रेस क्लब स्वर्ण नगरी ग्रेटर नोएडा पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। यूनियन के महामंत्री रामकिशन टीकम सिंह ने बताया कि कर्मचारियों ने 1998 से संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने बताया कि 2003 में 240 कर्मचारियों को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से हटाया गया था, जिसके खिलाफ आंदोलन किया गया।
सभी का आभार
यूनियन ने मजदूर संगठन सीटू के पदाधिकारियों, सपा नेता राजकुमार भाटी, और अन्य वकीलों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस मामले में श्रमिकों की मदद की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा और किसान सभा जिलाध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि यदि प्राधिकरण ने आदेश का पालन नहीं किया, तो वे फिर से निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे।
यूनियन का समर्थन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूनियन के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इस जीत को श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। यह जीत न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि सभी श्रमिकों के लिए एक प्रेरणा है।