ग्रेटर नोएडा के सरकारी स्कूल में हैवानियत: प्रिंसिपल पर डिजिटल रेप का आरोप, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

Partap Singh Nagar
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ग्रेटर नोएडा के सरकारी स्कूल में हैवानियत: प्रिंसिपल पर डिजिटल रेप का आरोप, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल


Greater Noida News :
ग्रेटर नोएडा के वैदपुरा में स्थित सरकारी स्कूल में 16 साल की छात्रा के साथ प्रिंसिपल द्वारा डिजिटल रेप की वारदात को अंजाम दिया गया है। इस घटना को दो दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। पीड़ित परिवार इंसाफ की गुहार लगाते हुए दर-दर की ठोकरे खा रहा है, जिससे सेंट्रल नोएडा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

स्कूलों में बढ़ती हैवानियत

ग्रेटर नोएडा में अब सरकारी स्कूलों में भी हैवानियत के मामले सामने आने लगे हैं। हाल ही में कैंब्रिज स्कूल में एक लड़की के साथ डिजिटल रेप का मामला सामने आया था, और अब एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया है। आरोपी प्रिंसिपल ने 12वीं क्लास की छात्रा को हवस का शिकार बनाने का प्रयास किया।

पुलिस का आपत्तिजनक व्यवहार

पीड़ित परिवार ने इस घटना की शिकायत पुलिस के पास की, लेकिन पुलिस का व्यवहार आपत्तिजनक रहा। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय पीड़ित मां-बेटी को थाने में 3 घंटे तक बैठाए रखा। अब पीड़ित परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है, लेकिन ईकोटेक-3 थाना प्रभारी मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रहे हैं।

पूरा मामला

यह मामला श्री संत विनोबा इंटर कॉलेज का है, जहां प्रिंसिपल वीरेंद्र कुमार ने पिछले एक महीने से छात्रा को अकेले में बुलाकर उसके साथ डिजिटल रेप की वारदात को अंजाम दिया। छात्रा के विरोध करने पर प्रिंसिपल ने उसे स्कूल से नाम काटने की धमकी दी।

पीड़ित परिवार के साथ मारपीट

जब छात्रा ने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया, तो वे स्कूल पहुंचे। वहां प्रिंसिपल और शिक्षकों ने उनके साथ बदतमीजी की और मारपीट की। अब पीड़ित पिता थाने में इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं।

पुलिस की निष्क्रियता

पीड़ित पिता का कहना है कि थाना प्रभारी इस मामले में समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। घटना को कई घंटे हो चुके हैं, लेकिन एफआईआर अभी तक दर्ज नहीं की गई है। सेंट्रल नोएडा के एडिशनल डीसीपी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

इस मामले ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली और स्कूलों में बढ़ती हैवानियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार इंसाफ की उम्मीद में है, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता ने उनकी उम्मीदों को और भी कमजोर कर दिया है।

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