Uttar Pradesh / भारतीय टॉक न्यूज़ : उत्तर प्रदेश में अब निजी वाहन खरीदना महंगा हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वाहनों पर लगने वाले वन टाइम टैक्स (एकमुश्त कर) में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. हालांकि, सरकार ने 40 हजार रुपये तक की कीमत वाले दोपहिया वाहनों को इस वृद्धि से राहत दी है. यह फैसला राज्य के राजस्व में वृद्धि और इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जा रही छूट के कारण हो रहे नुकसान की आंशिक भरपाई के उद्देश्य से लिया गया है.
40 हजार से कम कीमत के दोपहिया वाहनों को राहत
सरकार ने आम आदमी को राहत देते हुए 40 हजार रुपये से कम कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर पहले की तरह ही 7% टैक्स जारी रखने का निर्णय लिया है. इससे कम आय वर्ग के लोगों पर नए टैक्स का बोझ नहीं पड़ेगा.
40 हजार से ऊपर के दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर बढ़ा टैक्स
हालांकि, 40 हजार रुपये से अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर अब 10% की जगह 11% टैक्स लगेगा. इसके साथ ही चारपहिया वाहनों पर भी टैक्स की दरों में बदलाव किया गया है.
नई टैक्स दरें इस प्रकार हैं:
| वाहन का प्रकार | पुराना टैक्स | नया टैक्स |
| ₹40,000 तक के दोपहिया | 7% | 7 |
| ₹40,000 से अधिक के दोपहिया | 10% | 11% |
| ₹10 लाख तक के चारपहिया (बिना एसी) | 7% | 8% |
| ₹10 लाख तक के चारपहिया (एसी) | 8% | 9% |
| ₹10 लाख से अधिक के चारपहिया | 10% | 11% |
राजस्व में वृद्धि और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मुख्य उद्देश्य
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2015 के बाद पहली बार वाहन टैक्स की दरों में बदलाव किया गया है. सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी करना है. इस संशोधन से परिवहन विभाग को सालाना 413 करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मीद है.
इसके अतिरिक्त, सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है, जिस कारण हर साल लगभग 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है. टैक्स में यह वृद्धि उस घाटे की आंशिक भरपाई करने में भी मदद करेगी.