Bulandshahr News: बुलंदशहर में पहले चरण में ₹400 करोड़ की लागत से नेशनल हाईवे 34 से शिकारपुर और अनूपशहर रोड को जोड़ने की तैयारी की जा रही है। इस बाईपास में छह स्थानों पर ओवर ब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण भी शामिल है । यह योजना शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
रिंग रोड का प्रस्ताव और उसकी चुनौतियाँ
रिंग रोड का प्रस्ताव अभी तक स्वीकृत नहीं हो पाया है, जिसके कारण लोक निर्माण विभाग ने टुकड़ों में निर्माण कार्य कराने की योजना बनाई है। 2018 में तत्कालीन डीएम डॉ. रोशन जैकब ने रिंग रोड का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन जमीन के अधिग्रहण में सहमति न होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका।
पहले चरण की योजना
पहले चरण में नेशनल हाईवे 34 (अलीगढ़-गाजियाबाद) से मेरठ-बदायूं स्टेट हाईवे और अनूपशहर रोड को जोड़ने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस योजना पर करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में अनूपशहर रोड को स्याना रोड और फिर स्याना रोड को बुलंदशहर-मेरठ नेशनल हाईवे 334 से जोड़ा जाएगा।
यातायात की स्थिति
रिंग रोड न होने के कारण प्रतिदिन शहर के अंदर से एक लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शहर में सिक्स लेन रोड की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में सड़क की चौड़ाई केवल सात मीटर है, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है।
खुर्जा बाईपास से रिंग रोड की योजना
अधिकारियों की योजना के अनुसार, रिंग रोड को खुर्जा बाईपास (ब्रह्म्मानंद टी प्वाइंट) से शुरू करते हुए शिकारपुर तिराहे और नयागांव के बीच में स्टेट हाईवे को जोड़ने की योजना है। इस योजना में काली नदी और दो रेलवे लाइनों पर ओवरब्रिज और फ्लाईओवर का निर्माण भी शामिल है।
जनप्रतिनिधियों की पहल
सांसद भोला सिंह और विधायक प्रदीप चौधरी समेत अन्य जनप्रतिनिधि रिंग रोड के लिए पहल कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। सांसद ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई बार मुलाकात की है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है।
आगे की योजना
शहर को जाम से राहत देने के लिए एक से अधिक चरणों में रिंग रोड निर्माण की योजना बनाई गई है। पहले चरण के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। स्वीकृति और बजट मिलने पर काम शुरू किया जाएगा।