Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़ : थाना जेवर क्षेत्र में करीब तीन साल पहले एक बी-टेक के छात्र के साथ हुई कथित पुलिस मुठभेड़ के मामले में न्यायालय के आदेश पर बड़ी कार्रवाई हुई है। जेवर थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार सहित 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने फरवरी माह में ही इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद जेवर पुलिस ने बीती रात यह मुकदमा दर्ज किया।
पीड़ित पिता ने बयां की आपबीती, जबरन घर में घुसकर की तोड़फोड़ और बेटे को उठाया
जनपद मथुरा के रिफाइनरी थाना क्षेत्र के रांची बांगर स्थित कदंब विहार निवासी तरुण गौतम ने इस घटना की विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 4 सितंबर 2022 की रात लगभग 9:45 बजे दो बिना नंबर की गाड़ियां उनके घर पर आकर रुकीं। गाड़ियों से उतरे 10-12 सिविल ड्रेसधारी लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए जबरन घर में घुसकर तोड़फोड़ की। आरोप है कि इन लोगों ने घर से 22 हजार रुपए नकद भी जब्त कर लिए और उनके बेटे सोमेश गौतम के बारे में पूछताछ की। जब तरुण ने बताया कि उनका बेटा दिल्ली में कोचिंग कर रहा है, तो भी पुलिसकर्मियों ने विश्वास नहीं किया और पूरे घर की तलाशी ली। इसके बाद तरुण गौतम को जबरन गाड़ी में डालकर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, जहां उनके साथ मारपीट की गई। अगली सुबह उन्हें उनके बेटे के पास दिल्ली ले जाया गया।
बेटे को पकड़कर झूठा अपराध कबूल करवाने का दबाव, फिर फर्जी मुठभेड़ का आरोप
तरुण गौतम ने आगे आरोप लगाया कि पुलिस ने दिल्ली से उनके बेटे सोमेश को पकड़कर थाना जेवर ले आई और उस पर झूठा अपराध कबूल करने का दबाव बनाया। इसके बाद सोमेश को कथित रूप से एक फर्जी मुठभेड़ में घायल कर दिया गया। तरुण का कहना है कि उनके बेटे की आंखों पर पट्टी बांधकर गोली मारी गई, जो उसके पैर में लगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस बाइक को मुठभेड़ में सोमेश से बरामद दिखाया गया था, उसे बाद में एक अन्य आरोपी से बरामद दिखाकर दूसरे मुकदमे में इस्तेमाल किया गया।
शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई, रिपोर्ट दर्ज कराने पर भी भगाया
पीड़ित तरुण गौतम ने बताया कि उन्होंने इस मामले में कई बार पुलिस आयुक्त गौतम बुद्ध नगर को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनके अनुसार, 10 जून 2024 को जब वह दोबारा रिपोर्ट दर्ज कराने थाना जेवर पहुंचे, तो उन्हें वहां से भगा दिया गया। तरुण ने यह भी गंभीर आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे को छोड़ने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी और उनके परिवार पर एक के बाद एक पांच फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए।
कोर्ट के आदेश पर 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
थाना जेवर के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश पर बीती रात को मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन कोतवाली प्रभारी अंजनी कुमार, उप निरीक्षक राकेश बाबू, उपनिरीक्षक अनिरुद्ध यादव, उप निरीक्षक शरद यादव, उप निरीक्षक चंद वीर, उप निरीक्षक सनी कुमार, उप निरीक्षक नीलकांत, कांस्टेबल रोहित कुमार, कांस्टेबल भूरी सिंह, कांस्टेबल जयप्रकाश, कांस्टेबल मनोज कुमार और कांस्टेबल छित्तर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा आईपीसी की धारा 452 (घर में जबरन घुसना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 427 (शरारत से नुकसान पहुंचाना), 395 (डकैती), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 307 (हत्या का प्रयास), 195 (झूठे सबूत देना या गढ़ना), 219 (लोक सेवक द्वारा भ्रष्ट तरीके से रिपोर्ट आदि में हेरफेर करना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत दर्ज किया गया है।