Bharatiya Talk / Greater Noida News : सर्कल रेट किसी आवासीय या कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को बिक्री या ट्रांसफर के लिए रजिस्टर्ड करने के लिए न्यूनतम कीमत है। यह दर राज्य सरकार या डेवेलपमेंट ऑथरिटी द्वारा निर्धारित की जाती है और एक ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती है। सर्कल रेट का उद्देश्य रियल एस्टेट बाजार में कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई कीमतों और अटकलों को रोकना है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्कल रेट में संभावित वृद्धि
हाल ही में, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्कल रेट को 25-30% तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। यह दरें पिछले 5 वर्षों से अपरिवर्तित हैं, और यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो प्रॉपर्टी की कीमतें और बढ़ सकती हैं। जिला मजिस्ट्रेट मनीष वर्मा ने बताया कि नए सर्किल दरों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
खरीदारों पर प्रभाव
सर्कल रेट में वृद्धि का सीधा असर घर खरीदारों पर पड़ेगा। इससे उन्हें अधिक स्टांप शुल्क (Stamp Duty) देना होगा, जो कि प्रॉपर्टी की कुल लागत को बढ़ा देगा। उदाहरण के लिए, नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में सर्कल रेट की दरें अलग-अलग हैं, जिससे खरीदारों को अपनी खरीदारी के लिए अधिक खर्च करना पड़ सकता है।
न्यू नोएडा का विकास
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा के पास एक नया शहर, न्यू नोएडा, विकसित करने की मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट अगले 15 वर्षों में विभिन्न चरणों में पूरा होगा। न्यू नोएडा में हाउसिंग, इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स हब, कमर्शियल ऑफिस, और हॉस्पिटल जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। इस नए शहर के विकास से एनसीआर के रियल एस्टेट मार्केट में एक बड़ा बूम आने की उम्मीद है।
रियल एस्टेट मार्केट पर प्रभाव
नए नोएडा प्रोजेक्ट और जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रॉपर्टी मार्केट में हलचल पैदा कर दी है। इन क्षेत्रों में जमीन की कीमतों में तेजी से वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि न्यू नोएडा का विकास ग्रेटर नोएडा के मार्केट पर अधिक प्रभाव डालेगा, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन जाएगा।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्कल रेट में संभावित वृद्धि और न्यू नोएडा के विकास से रियल एस्टेट मार्केट में महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है। खरीदारों को इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश के निर्णय लेने चाहिए। सर्कल रेट की समझ और उसके प्रभाव को जानकर, खरीदार और विक्रेता दोनों ही रियल एस्टेट बाजार में बेहतर तरीके से नेविगेट कर सकते हैं।