बीजेपी विधायकों को सीएम योगी की फटकार: बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग पर लगी रोक

CM Yogi's rebuke to BJP MLAs: Ban on demand to make Bundelkhand a separate state

Bharatiya Talk
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बीजेपी विधायकों को सीएम योगी की फटकार: बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग पर लगी रोक

 

Uttar Pradesh / भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 2025 इन दिनों चर्चा में है, लेकिन इस बार सत्र के दौरान एक नया विवाद सामने आया है। बुंदेलखंड क्षेत्र से आने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों ने अलग राज्य की मांग को लेकर जोश दिखाया, लेकिन यह जोश उन्हें भारी पड़ गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मांग को सार्वजनिक रूप से उठाने से पहले ही विधायकों को फटकार लगाई और उन्हें उचित मंच पर अपनी बात रखने की नसीहत दी। आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।

 बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग का पुराना इतिहास

बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग कोई नई नहीं है। यह मांग लंबे समय से क्षेत्रीय संगठनों और नेताओं द्वारा उठाई जाती रही है। बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश के 7 जिले—चित्रकूट, बांदा, झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा और ललितपुर—शामिल हैं। इसके अलावा, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से भी बुंदेलखंड का हिस्सा माने जाते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, इस क्षेत्र की आबादी करीब 97 लाख थी और इसका क्षेत्रफल लगभग 70 हजार वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्र के लोग लंबे समय से विकास और संसाधनों की कमी की शिकायत करते रहे हैं, जिसके चलते अलग राज्य की मांग समय-समय पर जोर पकड़ती रही है।

बीजेपी विधायकों की बैठक और मांग का प्रस्ताव

यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुंदेलखंड से आने वाले बीजेपी विधायकों ने इस मुद्दे को सदन में उठाने की योजना बनाई। विधानसभा की लॉबी में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी संबंधित विधायकों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में झांसी के विधायक रवि शर्मा, गरौठा के विधायक जवाहर राजपूत, महोबा के विधायक राकेश गोस्वामी, विनोद चतुर्वेदी और बृजभूषण राजपूत शामिल थे। विधायकों ने एकमत होकर फैसला किया कि वे बुंदेलखंड के विकास के लिए अलग राज्य की मांग को विधानसभा में जोर-शोर से उठाएंगे। उनका मानना था कि इससे क्षेत्र की उपेक्षा को खत्म करने में मदद मिलेगी।

सीएम योगी को लगी भनक, विधायकों को लगाई फटकार

हालांकि, विधायकों की यह योजना ज्यादा दूर तक नहीं बढ़ पाई। बैठक की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गई। इससे पहले कि विधायक अपनी मांग को सदन में उठाते, सीएम योगी ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने सभी संबंधित विधायकों को बारी-बारी से बुलाया और उन्हें कड़ी फटकार लगाई। योगी ने साफ शब्दों में कहा कि ऐसी मांगों को सार्वजनिक रूप से उठाने की बजाय पार्टी के भीतर उचित मंच पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने विधायकों को पार्टी अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि इस तरह के कदम से सरकार और पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता है।

बुंदेलखंड से बीजेपी के प्रमुख विधायक

बुंदेलखंड क्षेत्र से बीजेपी के पांच प्रमुख विधायक इस मांग से जुड़े थे। इनमें शामिल हैं:

 बीजेपी विधायकों को सीएम योगी की फटकार: बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग पर लगी रोक
बीजेपी विधायकों को सीएम योगी की फटकार: बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग पर लगी रोक

– रवि शर्मा (झांसी): इन्होंने विधानसभा में बुंदेली भाषा में अपनी बात रखते हुए अलग राज्य की मांग उठाई थी।

– जवाहर राजपूत (गरौठा): क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय विधायक।

– राकेश गोस्वामी (महोबा): बुंदेलखंड की समस्याओं को लेकर मुखर।

– विनोद चतुर्वेदी: क्षेत्र की उपेक्षा को लेकर चिंता जताते रहे हैं।

– बृजभूषण राजपूत: अलग राज्य के पक्ष में बैठक में शामिल।

इन विधायकों का मानना था कि अलग राज्य बनने से क्षेत्र को अधिक संसाधन और ध्यान मिलेगा, लेकिन सीएम की फटकार के बाद यह मांग फिलहाल ठंडे बस्ते में चली गई है।

पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग भी चर्चा में

बुंदेलखंड के अलावा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग भी पिछले कुछ समय से उठती रही है। बीजेपी के पूर्व सांसद संजीव बालियान ने इस मुद्दे को उठाया था। उनका तर्क था कि पश्चिमी यूपी की जनसंख्या और संसाधनों को देखते हुए इसे अलग राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र में बेहतर जनसुविधाओं और विकास की जरूरत पर जोर दिया था। हालांकि, इस मांग को भी पार्टी के भीतर ज्यादा समर्थन नहीं मिला।

योगी का संदेश: पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी नहीं

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना के जरिए साफ संदेश दिया है कि बीजेपी विधायकों को पार्टी लाइन से हटकर सार्वजनिक बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने विधायकों को नसीहत दी कि अगर उनकी कोई मांग या शिकायत है, तो उसे पार्टी के आंतरिक मंचों पर उठाया जाए। यह कदम न केवल पार्टी अनुशासन को मजबूत करने की दिशा में है, बल्कि सरकार के खिलाफ विपक्ष को कोई मुद्दा न देने की रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है।

बुंदेलखंड की मांग का भविष्य

फिलहाल, सीएम योगी की फटकार के बाद बीजेपी विधायकों ने अपनी मांग को सार्वजनिक रूप से उठाने का इरादा टाल दिया है। लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि क्या बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग भविष्य में फिर से जोर पकड़ेगी? क्षेत्र की जनता और स्थानीय संगठन इस मांग को लेकर सक्रिय हैं, और विधायकों का यह प्रयास उसकी एक झलक मात्र था। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और योगी सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।

 

 

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