Gautam buddha nagar News ; उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के सीईओ के साथ एक ऑनलाइन बैठक की। इस बैठक में उन्होंने फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में तेजी लाने और बकाया न देने वाले बिल्डर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा करना सबसे महत्वपूर्ण है और इसके लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
फ्लैट पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी
बैठक के दौरान, सीएम योगी ने बताया कि कई बिल्डर्स ने अभी तक अपने बकाया का केवल 25% ही जमा किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे बिल्डर्स के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और फंसे हुए फ्लैट खरीदारों के पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उन्होंने लापरवाही को बर्दाश्त न करने की बात कही।
औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की समीक्षा
सीएम ने औद्योगिक और संस्थागत भूखंडों के आवंटन प्रक्रिया की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी ली और ई-नीलामी तथा साक्षात्कार प्रक्रिया के माध्यम से सामने आई चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने नई योजनाओं के प्रस्ताव पर जोर दिया ताकि औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा मिल सके।
स्पोर्ट्स सिटी परियोजना की प्रगति
सीएम ने स्पोर्ट्स सिटी परियोजना पर भी ध्यान केंद्रित किया, जो लंबे समय से विवादों में रही है। उन्होंने इस परियोजना की स्थिति के बारे में अपडेट मांगा और पिछले डेढ़ साल में लोक लेखा समिति को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट का विवरण मांगा। इस परियोजना में लगभग 15,000 फ्लैट खरीदारों के पंजीकरण अटके हुए हैं, जिसके लिए तेजी से कार्रवाई की आवश्यकता है।
नोएडा एयरपोर्ट और फिल्म सिटी परियोजनाओं पर अपडेट
सीएम ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये महत्वपूर्ण परियोजनाएं समय पर पूरी हों ताकि राज्य के विकास में कोई बाधा न आए। इसके साथ ही, उन्होंने सभी परियोजनाओं की समय-सीमा की निगरानी करने के निर्देश दिए।
निवेश और विकास के लिए नई राह
सीएम योगी आदित्यनाथ के इन सख्त निर्देशों के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य में औद्योगिक और आवासीय परियोजनाओं को गति मिलेगी। राज्य सरकार अब अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे निवेशकों और नागरिकों का विश्वास बना रहे। नई नीति के लागू होने से औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया में भी तेजी आने की संभावना है।